
पीएम करने वाले डॉक्टर और पुलिस को सेट करके फिर खोल लिया मौत का अस्पताल
8 साल के मासूम की मौत के बाद आमोलपता में पप्पू का खुला क्लीनिक, जिम्मेदार मौन
शिवपुरी जिले में झोलाछाप डॉक्टर आए दिन लोगों की जान ले रहे हैं, और पीएम करने वाले डॉक्टर से लेकर पुलिस को सेट करके वो फिर से अपनी मौत बांटने वाली दुकान खोलकर बैठ जाते हैं।ऐसा ही कुछ करेरा विधानसभा के आमोलपठा में एक 8 साल के आदिवासी बच्चे की मौत के एक माह बाद ही दुकान फिर खुल गई। इस दौरान झोलाछाप ने सभी से सेटिंग करके फिर से मौत बांटने वाला अस्पताल खोल लिया।
शुक्रवार को जब हमने झोलाछाप डॉक्टर से यह कहते हुए पूछा कि हमारा एक मित्र भी ऐसे ही केस।में फंस गया है, तो बताओ कैसे बचा जा सकता है?। इसके बाद पप्पू ने बताया कि मृतक लड़के का पिता 8 लाख रुपए मांग रहा था, लेकिन हमने एक आदिवासी महिला से बात करके बालक के पिता के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज करा दिया, तब वो माना। फिर हमने पीएम करने वाले करेरा का डॉक्टर खरे को सेट किया, तो उन्होंने सामान्य मौत बता दिया। फिर हमने पुलिस को सेट कर लिया, और इस मामले से बाहर आ गए। इतना हो नहीं दुकान खोलने के लिए हमने अपने एक रिश्तेदार का सर्टिफिकेट लगा दिया, तो फिर सीएमएचओ ऑफिस वाले भी कुछ नहीं कर पाए। इस दौरान पप्पू सहमा हुआ था और मोबाइल दूर रखवा दिया था, लेकिन हमने दूसरी तकनीक से उसकी बातचीत रिकॉर्ड कर ली।
महत्वपूर्ण बात यह है कि उसके क्लीनिक में एक।माह पहले ही मासूम बालक की मौत के बाद भी उसके छपरे वाले अस्पताल में पलंगों पर मरीज भर्ती होकर इलाज करवा रहे थे। वो भी किसी एक्सपर्ट डॉक्टर की तरह गले में आला डाले हुए मरीजों को दवा दे रहा था।
सरकारी अस्पताल में 2 बजे लग रही थी झाडू
आमोलपठा के शासकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में शुक्रवार को दोपहर 2 बजे झाड़ू लगा रही थी। यहां पदस्थ डॉ. सुनील जैन इसी तरह लेटलतीफी से आते हैं, जबकि उन्हें सुबह 9 बजे आना चाहिए। डॉ. जैन अपने करेरा डेनिडा रोड स्थित घर पर अस्पताल के समय में मरीज देखते रहते हैं, उनके घर स्थित क्लीनिक पर पूरे समय मरीजों की भीड़ लगी रहती है। जबकि नियमानुसार उन्हें मुख्यालय पर रहना चाहिए, लेकिन वो 35 किमी दूर प्रैक्टिस में व्यस्त रहते हैं। जिसके चलते झोलाछाप डॉक्टरों की दुकान जमकर चल रही है।
बोले चौकी प्रभारी: पिता ने दिया शपथ पत्र
जो बालक मृत हुआ, उसका पिता पहले पप्पू पर गलत इलाज करने का आरोप लगा रहा था। फिर कुछ दिन बाद ना जाने क्या हुआ कि मृतक का पिता यह शपथ पत्र देकर गया कि मेरे बेटे का पप्पू ने इलाज ही नहीं किया। मृतक के पिता पर दुष्कर्म का मामला दर्ज नहीं हुआ। बाहर क्या हुआ, यह हमें पता नहीं।
अभिमन्यु सिंह, प्रभारी आमोलपठा







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