
शासन आदेश पर भारी करेरा का बहुचर्चित डॉक्टर
फर्जी एमएलसी सहित कई आरोपों से घिरे डॉ खरे का ट्रांसफर के 11 दिन बाद भी रिलीव नहीं
सीएमएचओ से लेकर बीएमओ बना रहे बहाने, डॉ. खरे के आका सुलझा रहे शिवपुरी नपा का मामला
शिवपुरी। ट्रांसफरों के इस सीजन में स्वास्थ्य विभाग की भी एक लिस्ट बीते 17 जून को जारी की गई। जिसमें करेरा के बहुचर्चित डॉक्टर देवेंद्र खरे का नाम पहले नंबर पर लिखा है। उनका ट्रांसफर मधुसूदनगढ़ गुना हुआ है। आदेश में स्पष्ट लिखा है कि 7 दिन में ट्रांसफर हुए कर्मचारी अपनी ज्वाइनिंग दें। लेकिन 11 दिन गुजरने के बाद भी डॉक्टर खरे करेरा में ही कार्यरत।हैं। महत्वपूर्ण बात यह है कि सीएमएचओ और बीएमओ एक-दूसरे पर टाल रहे हैं, तथा डॉक्टर के आका शिवपुरी नपा का मामला सुलझा रहे हैं।
गौरतलब है कि करेरा अस्पताल में पदस्थ डॉ खरे ने सिर की हड्डी में फैक्चर बताकर फर्जी एमएलसी बना दी थी, जो ग्वालियर की जांच में गलत पाई गई थी। इसके अलावा पीएम के बदले रिश्वत मांगने का वीडियो सामने आने पर कमिश्नर ने निलंबित किया था। मरीजों से मारपीट किए जाने के आरोप भी डॉ. खरे पर लगते रहे थे। डॉ. खरे का ट्रांसफर होने के 11 दिन बाद भी रिलीव नहीं किया गया, जबकि आदेश में स्पष्ट लिखा है कि 7 दिन में ज्वाइनिंग दें। चूंकि डॉ. खरे अपने आपको भाजपा जिलाध्यक्ष जसमंत जाटव का नजदीकी बताते हैं, इसलिए स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार भी ट्रांसफर होने के बाद डॉक्टर को रिलीव करने की बजाए गेंद एक-दूसरे के पाले में डाल रहे हैं। जबकि दो साल पहले करेरा के एक डॉक्टर का ट्रांसफर हुआ था, तो स्वास्थ्य विभाग ने 24 घंटे में ही बरसते पानी में उनके घर पर नोटिस चस्पा करवा दिया था। इसे कहते हैं , जिसकी लाठी-उस्की भैंस।
सीएमएचओ ने ऐसे झाड़ा पल्ला
हां, डॉ. खरे का ट्रांसफर हो गया है, और मैने सभी बीएमओ को पत्र जारी कर दिया था कि रिलीव करें। अभी तक डॉ. खरे को क्यों रिलीव नहीं किया, मैं पता करवाता हूं। मै अभी ट्रेनिंग में भोपाल आया हूं।
डॉ. संजय ऋषिश्वर, सीएमएचओ शिवपुरी
बीएमओ ने पत्र ही नहीं देखा
डॉ. खरे का ट्रांसफर तो हो गया है, और उन्हें रिलीव सीएमएचओ ऑफिस से ही किया जायेगा। सीएमएचओ ने कोई पत्र भेजा है, इसकी जानकारी नहीं है, मै दिखवाता हूं।
डॉ. रोहित भदकारिया, बीएमओ करेरा


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