
एकता ,समता, सुरक्षा, सेवा एवं पवित्रता का पर्याय है हमारा संविधान-: डॉ खरे,
शिवपुरी। भारतीय
संस्कृति एवं आर्ष ग्रन्थों में केवल संत सुधारक एवं शहीद ही सम्मान के अधिकारी होते हैं
, जिनका कोई वर्ण ,वंश ,लिंग क्षेत्र एवं जाति नहीं होती है, वह स्वयं को केवल और केवल परमात्मा की सन्तान मानकर ईश्वरीय अनुशासन का पालन करते हैं। उक्त उद्गार डॉ पीके खरे जिला समन्वयक गायत्री परिवार शिवपुरी द्वारा महान समाज सुधारक भारत रत्न संविधान सभा के सभापति बाबा साहेब डॉ भीमराव अम्बेडकर की जयंती पर सर्किल जेल शिवपुरी में आयोजित समारोह में व्यक्त किए।
समारोह का शुभारंभ देव पूजन एवं बाबासाहेब आंबेडकर जी के पूजन पश्चात दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। डॉ खरे ने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि स्वतन्त्रता पू्र्व से स्वतंत्रता पश्चात भी कई वर्षों तक हमें वर्ण एवं जातिगत विषमताओं रूढ़िवादी विचारों से जूझना पड़ा। अतः समाज के अंतिम छोर पर विकास की राह तक रहे व्यक्ति के अधिकरों एवं उनकी सुरक्षा को ध्यान में रखकर संविधान में कर्त्तव्यों एवं अधिकारों को निर्धारित कर व्यवस्था दी कि अधिकारों की प्राप्ति हेतु अपने व्यक्तिगत, पारिवारिक,सामाजिक जीवन में कर्त्तव्यों का पूर्ण निष्ठा से पालन करने पर अधिकारों को तरसना नहीं पड़ेगा ,
बाबा साहेब आंबेडकर के द्वारा समाहित विधिसम्मत कानूनों विधेयकों का प्रभाव है कि जेल यातना गृह भी सुधार गृह,बनते जा रहे हैं। बंदी भाईयों को भी अपने विचारों को अभिव्यक्त करने का पूर्ण अवसर प्रदान किया जाता है।
सर्किल जेल शिवपुरी के अधीक्षक श्री रमेश चंद्र आर्य ने बाबासाहेब आंबेडकर के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि किस किस तरह तत्कालीन विसंगतियों, विषमताओं , संकुचित सोच से उत्पन्न आर्थिक जातिगत एवं सामाजिक कुरीतियों से जूझते हुए महू में अभावों से ग्रसित परिवार में जन्मे बाबा साहब ने अपनी योग्यता विचारशीलता, प्रखरता एवं दूरदृष्टी से संविधान सभा के सभापति तक का सफर तय किया एवं विश्व का सर्वश्रेष्ठ संविधान दिया । आज भारत सरकार एवं प्रदेश सरकार बाबा साहेब के देश के विकास एवं देश की एकता के लिए दिए गए योगदान को जन जन तक पहुंचाने का अभियान चलाया जा रहा है। मध्य प्रदेश सरकार ने जेलों में सजा भुगत रहे ऐसे बंदियों को जिन्होंने लगातार अच्छा आचरण बनाए रखने हुए अपनी आजीवन कारावास की सजा के चौदह वर्ष पूरे कर लिये है ऐसे लगभग 100 बंदियों को आज प्रदेश की जेलों से रिहा करने के आदेश जारी किए हैं। आज के कार्यक्रम के इस अवसर पर एक बंदी भाई गोपाल ने भी बाबा साहेब द्वारा निर्मित कानूनों की जानकारी देते हुए बाबा साहेब का आभार व्यक्त किया।
कार्यक्रम का समापन सामूहिक रूप से , उपस्थिति बंदियों एवं जेल स्टाफ द्वारा किया गया।

