September 30, 2025
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जिले के दो पुलिस अधिकारियों की रोचक दास्तान
शिवपुरी. थ्री इडियट फ़िल्म का एक डायलॉग था कि योग्यता होगी तो किस्मत भी झक मारकर आएगी। ऐसी ही रोचक स्टोरी शिवपुरी जिले के दो पुलिस अधिकारियों की है, जिसमें उनका सपना था, कंधे पर स्टार का, और बन गए थे सिपाही। एक तो हर बार ट्रेनिंग पर जाने का नम्बर आता, तो पुलिस लाइन से ही गायब हो जाते थे।
6 साल सिपाही, 1 साल प्लाटून कमांडर, अब एसडीओपी
शिवपुरी जिले के पोहरी एसडीओपी सुजीत सिंह भदौरिया का सपना था कि कंधे पर स्टार हों। वर्ष 2004 में सुजीत पुलिस आरक्षक बने और 6 साल तक दमोह में सिपाही रहे, लेकिन उनका सपना बड़ा था, इसलिए वो ट्राई करते रहे और वर्ष 2010 में प्लाटून कमांडर बने और छिंदवाड़ा में रहने के अलावा सीएम हाउस में पदस्थ रहे। इस दौरान सुजीत ने डीएसपी का रिटर्न पास कर लिया था, तथा 2014 में जब उसका इंटरव्यू हुआ, तो वो एडीओपी सिलेक्ट हो गए। सुजीत भदोरिया का कहना था कि मेरा लक्ष्य था कि भीड़ से हटकर जगह बनानी है, और आखिरकार अपना लक्ष्य प्राप्त कर लिया। सुजीत भदौरिया का कहना है कि युवाओं को अपना लक्ष्य तय करके उसे हासिल करने का सतत प्रयास करना चाहिए। यदि इस दौरान कोई विकल्प मिले तो उसे भी चुन लेना चाहिए, ताकि हाथ खाली न रहे, लेकिन अपनी मंजिल तक पहुंचने के लिए कोशिश लगातार करनी चाहिए।

जहां रंगरूट बनकर लगाई झाड़ू, वहीं बनकर आए सूबेदार
शिवपुरी के ट्रेफिक इंस्पेक्टर धनंजय शर्मा का भी शुरू से सपना था कि कंधे पर स्टार हों। भिंड के रहने वाले धनंजय बताते हैं कि अपने सपने को पूरा करने के लिए वो तेयारी कर रहे थे, लेकिन परिजनों का दबाव घा कि जल्दी सरकारी नौकरी मिले, और इस बीच वर्ष 2011 मे धनंजय आरक्षक बन गए। भर्ती के बाद उन्होंने ग्वालियर में रंगरूटी की, जिसमे मैदान की घास छीलने के साथ ही झाड़ू भी लगाई। बकौल धनंजय, जब भी ट्रेनिंग पर जाने का नम्बर आता था तो मैं पुलिस लाइन से गायब हो जाता था, क्योंकि लक्ष्य तो कंधे पर स्टार का था। इस दौरान वो परीक्षा देते रहे और फिर सूबेदार (सब इंस्पेक्टर) बनकर ग्वालियर में ही पदस्थ हुए। वर्तमान में धनंजय शर्मा के कंधे पर तीन स्टार हैं और 12 साल की सर्विस में 8 ट्रांसफर हो चुके हैं। उनकी पत्नी भी शिवपुरीं के नरवर में पटवारी हैं, और पति-पत्नी एक ही जिले में होने की वजह से उनका ट्रांसफर नहीं हुआ, वरना उन्हें शिवपुरी से रवाना करने के सभी हथकण्डे अपनाए जा चुके हैं।

सुजीत भदौरिया, SDOP Pohari
धनंजय शर्मा, ट्रेफिक इंस्पेक्टर शिवपुरी

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