
सट्टा भी हुआ डिजिटल, हर दिन 1 करोड़ का काला कारोबार, कई हिस्सेदार, गरीब भी लगा रहा किस्मत पर दांव, रोजगार न होने पर भी मेहनत की कमाई से खेल रहे सट्टा
शिवपुरी। डिजिटल इंडिया की तर्ज पर अब जिले में सट्टा भी बेरोकटोक चल रहा है। जिले में हर दिन लगभग 1 करोड़ रुपए का सट्टा खिलाया जा रहा है, जिसमें गरीब मजदूर भी अपनी किस्मत पर दांव लगा रहा है। पहले सट्टे की पर्ची काटी जाती थी, तो सट्टा लगाने और लगवाने वाला पकड़ में आ जाता था, लेकिन अब तो सब कुछ ऑनलाइन है। पुलिस भी यह कहकर बच लेती है कि अब पर्ची ही नहीं है। पिछले महीनों में आईपीएल का सट्टा भी बेरोकटोक चला, जिसमें कई रातोरात करोड़पति बन गए, और कुछ ने हारकर अपनी जान ही दे दी। यह बात मारने वाले के परिजन और नजदीकी ही जान पाए, बाकी तो आत्महत्या ही मानकर चल रहे हैं।
शिवपुरी शहर सहित जिले में सट्टा लगवाने वाले एजेंट कॉलोनी और मौहल्ले के अलावा बस स्टेंड जैसी जगह पर भी तैनात हैं। जो हर दिन के दांव का माल लेकर अपने से बड़े एजेंट को नंबर नोट करवा देता है। इस खेल को खिलाने वाले पुलिस थाने के सामने ही अपनी दुकान चलाने से परहेज नहीं कर रहे। इस खेल में कुछ ऐसे लोग भी शामिल हैं, जिनका प्रभाव है। जिसके चलते इसमें किसी तरह की कोई रुकावट नहीं है।
सट्टा लगाने वालों में बड़ी संख्या उस गरीब मजदूर की भी है, जो दिन भर ठेला चलाते या मजदूरी करते हैं। यह गरीब अपनी मेहनत का बड़ा हिस्सा सट्टे में लगाकर अपनी किस्मत के चमकने का इंतजार करता है। इस खेल को खिलाने वाल एक जगह पर बैठता है, और खेलने वाला खुद उसके पास आता है। कोई इलेक्ट्रॉनिक की दुकान खोलकर सट्टे की लाइन ले रहा है, तो कोई अन्य दुकान नाम के लिए खोलकर असली काम सट्टे का कर रहा है। इसमें यह भी कहा जाता है कि जब लोग खुद ही सट्टा लगाने आ रहा है, तो इसमें कोई क्या करे?। गजब है सट्टे का खेल….
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