
नेताओं के खोखले दावे: एम्स में एडमिट कराने को 7 दिन तक गिड़गिड़ाते रहे
शिवपुरी। शिवपुरी शहर की कृष्णपुरम कॉलोनी में रहने वाले 12 वर्षीय किशोर आराध्य त्रिपाठी की डेंगू ने बीते रविवार को जान ले ली। इस घटना का दुःखद पहलू यह है कि मृतक के ताऊ अजय त्रिपाठी लोकसभा चुनाव में शहर के वार्ड 11 में बूथ क्रमांक 50 के भाजपा अध्यक्ष थे। चुनाव के दौरान भाजपा प्रत्याशी ने बूथ पदाधिकारियों को अपना सेनापति बताने के साथ ही अपना फोन नम्बर भी मंच से दिया था। लेकिन जब अजय के भतीजे आराध्य की जान पर बन आई तो ग्वालियर से दिल्ली एम्स में भर्ती कराने के लिए 7 दिन तक वो गिड़गिड़ाते रहे। बालक ने एम्स पहुंचते ही दम तोड़ दिया।
मृतक किशोर आराध्य के ताऊ अजय त्रिपाठी ने बताया कि मेरा भतीजा जब बीमार हुआ तो उसे हम शिवपुरी के बाद कमलाराजा ग्वालियर पिछले रविवार 27 अक्टूबर को ले गए थे। बकौल अजय, ग्वालियर अस्पताल में ट्रेनर डॉक्टर लापरवाही से इलाज कर रहे थे, जिसके चलते वहां हर दिन बच्चे मर रहे थे। अजय ने बताया कि हमने सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के पीए अनिल मिश्रा व धनसिंह शाही से लगातार गुहार लगाई कि मेरे भतीजे को दिल्ली के एम्स में भर्ती करवा दो। इतना ही नहीं इस दौरान उन्होंने दिल्ली ले जाने के लिए एम्बुलेंस की व्यवस्था भी कर ली थी, लेकिन सांसद के पीए यह कहते हुए रोकते रहे कि हम एडमिट के लिए पत्र लिखवा रहे हैं। इसी इंतजार में 7 दिन गुजर गए और आराध्य की हालत हर दिन बिगड़ते हुए इतनीं खराब हो गई कि बीते 3 नवंबर की रात जब उसे लेकर दिल्ली एम्स में पहुंचे, तो बिना एडमिट के ही उसने दुनिया छोड़ दी।
काम नहीं आई नेतागिरी
भाजपा के सक्रिय कार्यकर्ता व बूथ अध्यक्ष अजय त्रिपाठी का कहना है कि मैं अपनी कॉलोनी वालों के काम करवाता था। लेकिन जब मेरे भतीजे का जीवन संकट में आया, तो कोई काम नहीं आया। इस दौरान उन्होंने सिंशिया कार्यालय प्रभारी केपी परमार से कई बार कहा, क्योंकि परमार उनके मित्र भी हैं। इसके अलावा सिंशिया के नजदीकी हरवीर रघुवंशी, पवन जैन के अलावा अनिल मिश्रा व धनसिंह शाही से भी गुहार लगाते रहे। इस दौरान उन्होंने यह भी मेसेज किया कि सांसद के लेटरपेड पर लिखवा कर दे दो, लेकिन इसी इंतजार में भतीजे की जान चली गई।
बहुत प्यारा था मेरा भतीजा: अजय
बहुत प्यारा बच्चा था। मुझसे बोला कि tauu ji मुझे दिल्ली मत ले जाओ मैं ग्वालियर में ठीक हो जाऊंगा, मेरे लिए संतरा ले आओ, मेरे लिए अंगूर ले आओ ताई से बोलना मेरे को पकौड़ी खानी है, मुझे पोहा खाने हैं,मेरे को समोसा-जलेबी खानी है। लेकिन वो हम सबको छोड़ कर चला गया।
