
50- 50 लाख के गेट से सैलानी आएंगे या फिर आवारा मवेशी और गधे?
शिवपुरी। शहर को यहां के जनप्रतिनिधियों ने कभी पेरिस तो कभी कुछ बनाने का दावा किया। शिवपुरी पेरिस तो नहीं बन पाया, लेकिन यहां के।लोगों को अब आवारा मवेशियों के साथ गधों से भी खतरा बढ़ गया। यही वजह है कि अब नगरपालिका शहर में घूम रहे आवारा गधे पकड़ने में जुट गई है। पिछले दिनों एक और घोषणा सुनने को मिली कि शहर के दोनों और 50-50 लाख कीमत के।दो गेट बनाए जाएंगे। इन गेटों से सैलानी घूमने आएंगे या फिर आवारा मवेशी और गधे प्रवेश करेंगे..??।
कभी फ्लॉवर हिल तो कभी पर्यटन नगरी कही जाने वाली शिव की नगरी शिवपुरी को आधुनिक शहर बनाने के दावे यहां के जनप्रतिनिधि बरसों से कर रहे हैं। शहर की सीमाओं पर स्वागत द्वार बनाए जाने के प्रोजेक्ट बरसों से बनाए जा।रहे हैं, लेकिन वो धरातल पर आज तक नहीं उतर पाए। हद तो यह है कि शहरी सीमाओं पर गेट लगना तो दूर बस स्टेंड पर अभी तक गेट नहीं बन पाए, जबकि उसका नाम तो भाजपा की फाउंडर मेंबर रहीं राजमाता विजयराजे सिंधिया के नाम से है।
शहर को आवारा मवेशियों से मुक्त कराए जाने के दावे शिवपुरी के अधिकारियों ने कई बार किए, लेकिन वो मवेशी तो डेरा डाले ही हुए हैं, अब आवारा गधे शहरवासियों के लिए खतरा बन गए। एक व्यक्ति को जब गधों ने सामूहिक हमला करके जख्मी कर दिया, तो नगरपालिका ने गधों को पकड़ने के।लिए अभियान चला दिया। अफसोस है कि शहर के हालात सुधरने की बजाए और भी अधिक खराब होते जा रहे हैं।









