September 30, 2025
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बयानों को सच मानकर नपा सीएमओ मामले से झाड़ रहे पल्ला, टीआई मांग रहे प्रूफ
बोले राजस्व अधिकारी: रजिस्ट्रार की रही बड़ी चूक, क्यों नहीं देखा खसरा
शिवपुरी। शहर की थीम रोड किनारे कत्था मिल के सामने शासकीय जमीन की रजिस्ट्री कराने के मामले में एफआईआर दर्ज होने के बाद अब जांच उलझन भरी हो गई। नपा सीएमओ इस मामले में अपने स्टाफ के मौखिक बयानों को सच मानकर खुद को दूर करने का प्रयास कर रहे हैं, जबकि टीआई उनकी कही हुई बात का प्रूफ मांग रहे हैं। महत्वपूर्ण बात यह है कि एक राजस्व अधिकारी का कहना है कि इस मामले में रजिस्ट्रार की पूरी गलती है, अन्यथा रजिस्ट्री ही नहीं होती।
ज्ञात रहे कि नगरपालिका की एनओसी दिखाकर शासकीय जमीन की रजिस्ट्री कराने वाले 9 लोगों ओर लगभग 15 दिन पूर्व एफआईआर दर्ज की गई। इस मामले में एसडीएम शिवपुरी ने क्रेताओं के नाम हटवाकर विक्रेता और दलालों सहित शिकायतकर्ता पर एफआईआर दर्ज करवाई। हालांकि क्रेताओं के नाम हटाए जाने के एवज में प्रशासन द्वारा बड़ा लेनदेन के लिए जाने की चर्चा भी सरगर्म रही।
इस मामले में नपा सीएमओ इशांक धाकड़ ने जांच कर रहे कोतवाली टीआई कृपाल सिंह राठौड़ को एक कागज पर ड्राइंग बनाकर समझाया कि उस शासकीय जमीन के पास स्थित निजी जमीन की एनओसी नपा ने दी थी, तथा संपत्ति कर भी उसी जमीन का लिया गया। इस पर टीआई ने पूछा कि आपके पास क्या प्रूफ हे कि नपा की एनओसी व संपत्ति कर भी निजी जमीन का लिया गया?, इस सवाल पर सीएमओ चुप्पी साध गए। चूंकि रजिस्ट्री में चारों दिशाओं का उल्लेख किया जाता है, लेकिन इस रजिस्ट्री में वो भी नहीं दर्शाया गया।
पूर्व एसडीएम के आदेश की बताई कॉपी
इस मामले में शिकायतकर्ता ने पूर्व एसडीएम के एक आदेश की कॉपी पेश की है, जिसमें उक्त जमीन का नामांतरण आरोपी बने शिकायतकर्ताओं के पक्ष में करने का उल्लेख किया गया। लेकिन राजस्व अधिकारी ने बताया कि पूर्व एसडीएम के उक्त आदेश के विरुद्ध पूर्व एडीएम ने एक आदेश जारी किया था, जिसमें उक्त एसडीएम के आदेश को निरस्त कर जमीन को शासकीय दर्ज कराए जाने का आदेश दिया था। गोलमाल करने वालों ने एडीएम के उस आदेश को छुपा लिया।
रजिस्ट्रार की यह रही गलती
एक राजस्व अधिकारी ने बताया कि रजिस्ट्रार के पास चालू खसरा की कॉपी होती है, जिसमें देखकर वो यह पता के सकते हैं, कि कौन सी जमीन शासकीय है। रजिस्ट्रार ने जान बूझकर या अनजाने में उस खसरे को देखे बिना ही आंख बंद करके रजिस्ट्री कर दी। उक्त जमीन में शारदा सॉल्वेंट वाले भी खरीददार रहे हैं। चूंकि मामला करोड़ों का है, इसलिए इसमें खेल भी बढ़ा हुआ है।

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