
समय के साथ गोदी मीडिया बदल रहा बयान, कभी धमाके की खबर, तो कभी एंकर कर रहा इंकार
पाकिस्तान में सरकार पर हावी सेना प्रमुख, अब पूछ रहे: सीजफायर का दावा किसने किया?
देश सहित दुनिया भर में मौत बांटने वाले आतंकवादी तैयार कर रहे पाकिस्तान और भारत के बीच हो रहे युद्ध पर शनिवार की शाम को विराम लगने और अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता का समाचार चैनलों ने बखान करना शुरू कर दिया। इस दौरान सोशल मीडिया पर लोग अपनी प्रतिक्रिया दे भी नहीं पाए थे, कि अचानक मीडिया ने दिखाना शुरू किया कि पाकिस्तान ने बॉर्डर पर सीजफायर का उल्लंघन कर दिया। कुछ एंकर तो धमाके की आवाज भी सुना रहे थे। एक घंटे तक सीजफायर उल्लंघन की खबरें दिखाईं, लेकिन 10 बजे के बाद सभी के सुर बदल गए, और धमाके की आवाज सुनाने वाले एंकर भी माहौल शांत होने की बात करने लगे। महत्वपूर्ण सवाल यह है कि सीजफायर का दावा पाकिस्तान की सरकार ने किया, या फिर सेना प्रमुख मुनीर ने..?। कुछ चैनल तो इसे मुनीर की हरकत बताने लगे।
ज्ञात रहे कि जब भारत ने मॉकड्रिल से पहले आधी रात को पीओके में बमबारी की, तो पूरा देश झूम उठा। चार दिन से भारत-पाकिस्तान के बीच चल रहे युद्ध की चर्चा हर जगह सुनाई दे रही थी। लेकिन आज शाम को चैनलों ने दिखाना शुरू किया कि अमेरिका के हस्तक्षेप से भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर का एलान कर दिया गया। बाजार में चर्चा सुनने के बाद जब घर जाकर टीवी खोली, तो सुनाई दिया कि पाकिस्तान ने अखनूर, पुछ सहित बॉर्डर के कई इलाकों में धमाके शुरू कर दिए गए। पाकिस्तान के सीजफायर उल्लंघन पर सभी चैनलों के एंकर अपने विचार अभी व्यक्त कर ही रहे थे कि फिर से उनके सुर बदल गए, और एंकर बताने लगे कि अब शांति हो गई। इतना ही नहीं, जो एंकर धमाके की आवाज सुना रहे थे, वो भी कहने लगे कि हमारे यहां कुछ नहीं हो रहा। लेकिन सभी जगह ब्लैकआउट कर दिया गया।
यह भी होने लगी चर्चा
पाकिस्तान में सरकार तो सिर्फ नाम की है, जबकि वहां हुक्म सेना का चलता है। जिसके चलते समय-समय पर तख्ता पलट किए गए, तथा पूर्व क्रिकेटर इमरान खान अभी जेल में हैं। ट्रंप ने सीजफायर की बात पाकिस्तान की सरकार से की, जबकि सेना प्रमुख मुनीर इस बात को मानने के लिए तैयार नहीं हैं, इसलिए बॉर्डर पर सीजफायर का उल्लंघन हो रहा है। मीडिया सक्रिय है और एंकर विभिन्न क्षेत्रों में तैनात होकर लाइव रिपोर्ट तो दे रहे हैं, लेकिन वो अपनी बात पर टिक नहीं पा रहे, तो ऐसे में देशवासी इन चैनलों पर कितना भरोसा कर पाएंगे?, क्योंकि मीडिया भी ऊपरी निर्देशों पर ही काम कर रही है।
