
मामला शासकीय भूमि की फर्जी नपा की एनओसी बनाकर बेचने की
क्रेता पर 25 लाख के दंड की चर्चा: नपा की जगह प्रशासन ने करवाया मामला दर्ज
शिवपुरी। शिवपुरी शहर में ग्वालियर नाके के पास करोड़ों की जमीन के मामले में आखिरकार एफआईआर दर्ज हो गई। आधी रात को दर्ज हुए इस मामले में से क्रेता के नाम हट गए। चर्चा है कि इस कवायद में 25 लाख का सौदा हुआ, जिसमें 10 लाख रुपए गुरुवार की शाम और शेष शुक्रवार की सुबह देना तय हुआ। महत्वपूर्ण बात यह है कि प्रशासन के जिस अधिकारी ने क्रेता सहित अन्य पर मामला दर्ज करने का आदेश किया था, उन्होंने ही क्रेता के नाम आउट करवा दिए।
गौरतलब है कि ग्वालियर नाके के पास सोन चिरैया और कत्था मिल के बीच शासकीय भूमि सर्वे नंबर 4 एवं निजी भूमि सर्वे नंबर 5 का सौदा दलाल राजेश पुत्र जगदीश कुशवाह और रामनिवास रावत के माध्यम से हुआ था। जिसमें जमीन विक्रेता सीताराम गौड, विजय गौड, कन्हैया गौड, रवि विश्वकर्मा, धन्नो गौड, आनंदी गौड एवं महादेवी विश्वकर्मा ने उक्त जमीन की रजिस्ट्री सुशीला पत्नी बद्रीप्रसाद धाकड़ एवं मंजू पत्नी सतीश अग्रवाल के पक्ष में रजिस्ट्री करवाई थी।
करोड़ों की कीमत वाली इस शासकीय जमीन की एक एनओसी नगरपालिका शिवपुरी द्वारा बनाई गई थी। इस मामले से नपा के अधिकारियों ने यह कहते हुए खुद को अलग कर लिया था कि जो नपा की एनओसी जमीन की रजिस्ट्री में लगाई गई है, वो फर्जी है। सूत्रों का कहना है कि सरकारी करोड़ों की जमीन हड़पने के लिए क्रेता।और विक्रेता ने मिलकर ही नपा की एनओसी बनवाई थी। यही वजह है कि बीते 17 मार्च को शिवपुरी एसडीएम उमेश कौरव ने एफआईआर कराने का जो आदेश नपा सीएमओ को दिया था, उसमें दलाल, विक्रेता और क्रेता के खिलाफ एफआईआर के नाम शामिल थे।
इस दौरान जब प्रशासन ने नपा में दस्तावेज देखने की कोशिश की तो उन्हें यह कहकर चलता कर दिया कि आपको अधिकार नहीं है। जिसके चलते एसडीएम ने अपने प्रतिवेदन में फर्जी एनओसी बनाए जाने में नपा की भूमिका भी संदिग्ध बताई है।
इनके खिलाफ दर्ज हुआ मामला
करोड़ों की शासकीय जमीन की बिक्री के इस मामले में कोतवाली पुलिस ने दलाल राजेश पुत्र जगदीश कुशवाह एवं रामनिवास रावत के अलावा विक्रेता सीताराम गौड़, विजय गौड़, कन्हैया गौड़, रवि विश्वकर्मा, धन्नो गौड़, आनंदी गौड़ एवं महादेवी विश्वकर्मा के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। इस मामले में क्रेता सुशीला पत्नी बद्रीप्रसाद धाकड़ एवं मंजू पत्नी सतीश अग्रवाल के नाम भी शामिल थे।
बोले टीआई: 9 लोगों पर दर्ज किया प्रकरण
जमीन वाले मामले में दलालों सहित विक्रेता 9 लोगों के खिलाफ कूटरचित दस्तावेज बनाए जाने का मामला दर्ज किया है।
कृपाल सिंह राठौड़, टीआई कोतवाली
रजिस्ट्रार की भूमिका भी संदिग्ध
शहर के अंदर शासकीय जमीन की रजिस्ट्री हो गई, और रजिस्ट्रार को पता ही नहीं चला। जबकि रजिस्ट्रार के पास खसरा की नकल और एप में सरकारी जमीन क्लीयर नजर आती है। बिना खसरा देखे सरकारी जमीन की रजिस्ट्री करने वाले रजिस्ट्रार की भूमिका भी इस मामले में संदिग्ध है।



YdtbAtVy KvpLdK GLvxfnUr JldMGrpf KPWhi xuzH