
आदिवासियों के नाम से पशु लेकर दूध पी रहे थे दबंग, एसडीएम ने कराई एफआईआर
शिवपुरी जिले में जो हो जाए वो थोड़ा है। अब आदिवासियों के नाम पर मुख्यमंत्री दुधारू पशु योजना के तहत मिलने वाले पशु दबंगों ने अपने कब्जे में करके उसका दूध खुद पी रहे थे। कलेक्टर के यहां हुई शिकायत के बाद पोहरी एसडीएम मोतीलाल अहिरवार ने एफआईआर दर्ज करवा दी।
ज्ञात यह कि आदिवासियों को पशुपालन से जोड़ने और खेती के साथ दुग्ध उत्पादन कर उनका जीवन स्तर उठाने के लिए मुख्यमंत्री दुधारू योजना के तहत पशु दिए गए थे। यह पशु आदिवासियों के नाम पर स्वीकृत करवाकर उन्हें दबंगों ने अपने घर के खूंटे पर बंधकर दूध कारोबार कर रहे थे। जब इस मामले में कलेक्टर से शिकायत हुई, तो फिर प्रशासन की टीम में शामिल तहसीलदार निशा भारद्वाज के नेतृत्व में टीम बनाकर जांच करवाई तो पूरा फर्जीवाड़ा उजागर हो गया। इस मामले।में सुरजीत जाट, महेंद्र यादव, गजेंद्र यादव, रहमान, भरत उर्फ लल्लो परिहार के खिलाफ एट्रोसिटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कराया गया। साथ ही जिन हितग्राहियों के पशु थे, उन्हें वो पशु दिलवाए। यह तो महज उदाहरण है, जबकि आदिवासियों के नाम पर कई बहरूपिया लोग शासन की विभिन्न योजनाओं का लाभ खुद लेकर, इन भोले भाले आदिवासियों को छल रहे हैं।
दुधारू पशु योजना में हुए फर्जीवाड़े की जांच करने पहुंची टीम
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