
एक साल में हुई जांच, तब एसडीएम ने सेवा समाप्ति व एफआईआर के लिए पत्र लिखे
शिवपुरी। जो व्यक्ति श्योपुर में संविदा शिक्षक वर्ग -2 के पद पर कार्यकृत रहते हुए अवैध वसूली के आरोप में बर्खास्त किया गया, वो शिवपुरी के पोहरी के मास्टर बनकर नौकरी कर रहा था। इस मामले की शिकायत एक साल पहले कलेक्टर से की गई थी, जिसके जांच अब पोहरी एसडीएम ने पूरी करने के बाद सेवा समाप्ति और एफआईआर के लिए पत्र लिखे हैं।
श्योपुर जिले के ठराकला माध्यमिक स्कूल में संविदा शिक्षक वर्ग 2 के पद पर पदस्थ रहे बलवीर तोमर को अवैध वसूली के आरोप में बर्खास्त कर दिया था। बलवीर ने शिक्षकों से ई सर्विस फीडिंग, परिचय पत्र, संपत्ति फार्म और संविलियन कार्य के नाम पर अवैध वसूली की थी।
श्योपुर में बर्खास्त होने के 22 दिन बाद बलवीर ने शिवपुरी जिले में नियुक्ति ले ली थी। जिसमें उन्होंने अपनी बर्खास्तगी की बात को छुपाया था। शिवपुरी के पोहरी में माध्यमिक शिक्षक के रूप।में पदस्थ बलवीर की शिकायत एक साल पूर्व कलेक्टर शिवपुरी से जनसुनवाई में की थी।
जनसुनवाई की गति: 1 साल में हुई जांच
मध्यप्रदेश सरकार की जनसुनवाई योजना की गति कितनी तेज है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बलवीर फर्जी तौर पर शिक्षक बनकर नौकरी कर रहा है, यह शिकायत 1 साल पूर्व कलेक्ट्रेट जनसुनवाई में की थी। शिवपुरी से पोहरी तक यह शिकायत एक साल बाद पहुंच सकी, जहां एसडीएम मोतीलाल अहिरवार ने जब जांच की, तो शिकायत सही पाते हुए, उसके खिलाफ एफआईआर और सेवा समाप्ति के।लिए पत्र लिखा है।
