
अब क्या होगा..?, बगीचा सरकार पर शपथ खाई थी कि नहीं हटा पाए तो इस्तीफा देंगे
कसम खाने वाले सोशल मीडिया पर पार्षदों को टूटने से रोक रहे, पार्टी नेता भी नहीं दे रहे साथ
शिवपुरी। नगरपालिका शिवपुरी परिषद के 18 से 20 पार्षदों ने बीते सप्ताह करेरा के बाग बगीचा में शपथ खाई थी कि नपाध्यक्ष को हटाओ, नहीं तो हम इस्तीफा देंगे। शपथ खाने के बाद अब खुद ही पार्षद उलझे नजर आ रहे हैं, क्योंकि पार्टी नेता भी उनका साथ नहीं दे रहे। अब कसम खाने वाले सोशल मीडिया पर पार्षदों को फूटने से रोकने के मेसेज डाल रहे हैं। बगीचा सरकार की शपथ तोड़ने से कुछ गड़बड़ न हो जाए, यह भी पार्षद सोच रहे हैं।
ज्ञात रहे कि एक समय में करेरा के पुलिस थाने में आपसी विवाद के मामले बहुत कम पहुंचते थे, क्योंकि लोग अपने फैसले बाबा का बगीचा में कसम खाकर भरोसा कर लेते थे। अब भले ही वैसे हालात ना हों, लेकिन शिवपुरी के पार्षद बगीचा मंदिर में यह शपथ खा चुके हैं कि यदि वो नहीं हटीं तो हम अपने पद से इस्तीफा दे देंगे।
पार्षदों को समझाने आए भाजपा के जिलाध्यक्ष जसमंत जाटव भी कह चुके हैं कि किसी को इस्तीफा नहीं देना पड़ेगा, यानि वो भी नपाध्यक्ष के फेवर में हैं, तो फिर इन पार्षदों का क्या होगा?। क्योंकि गायत्री नहीं हटीं तो फिर थोकबंद पार्षदों को इस्तीफा देना पड़ेगा। इसमें कांग्रेसी पार्षद तो फिर भी ठीक हैं, क्योंकि वो तो विपक्षी हैं, लेकिन सत्ताधारी दल के पार्षदों के लिए तो स्थिति अधिक खराब हो गई। वो तो ना घर के रहे, ना घाट के।
महत्वपूर्ण बात यह भी है कि नपाध्यक्ष की कार्य प्रणाली से शिवपुरी विधायक भी नाखुश हैं, और वो नगरपालिका का नरक पालिका बोल रहे थे, और परिषद के 20 पार्षद विरोधी हो गए, फिर भी नपाध्यक्ष अपनी कुर्सी पर टिकी हुई हैं। आखिर ऐसा कौन सा पावरफुल बीटों उन्हें कुर्सी पर रोके हुए है..??।
करेरा के बगीचा सरकार पर शपथ लेते हुए पार्षद
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