
त्यौहार पर घर आने में भी कटी जेब, प्राइवेट बसों में दोगुना किराया वसूल रहे, परिवहन विभाग मौन
इंदौर, भोपाल, दिल्ली व जयपुर से आए युवाओं को देने पड़े दुगने दाम, ऑनलाइन भी रेट शो हो रहे, यानि खुली लूट की छूट
शिवपुरी। दीपावली में इस बार शहरवासियों को जहां तीन गुना रेट में आतिशबाजी खरीदनी पड़ी, वहीं बाहर से अपने घर युवाओं के साथ किराए के नाम पर खुली लूट की गई। दिल्ली, जयपुर, इंदौर व भोपाल सहित अन्य जगहों पर जॉब या पढ़ाई कर रहे युवा जब अपने घर आए, तो उन्हें दोगुना किराया देना पड़ा। इस सम्बन्ध में जिला परिवहन अधिकारी मौन हैं।
शिवपुरी में ना तो युवाओं को रोजगार है, और ना ही यहां कोई पढ़ाई का बड़ा सेंटर।है, जिसके चलते शहर का युवा बाहर जाकर जॉब कर रहा है, तथा बच्चे भी बाहर पढ़ाई कर रहे हैं। चूंकि दीपावली का पर्व परिवार के साथ ही मनाया जाता है, इसलिए युवा और बच्चे जब त्यौहार मनाने आए, तो निजी यात्री बसों ने दोगुना किराया वसूल किया। इंदौर का किराया 600 की जगह 1200 रुपए, जयपुर का 1 हजार की जगह 2200 रुपए तक वसूल किया जा रहा है। चूंकि हर किसी को अपने घर तो आना था, इसलिए उनको इतना किराया देना मजबूरी हो गया। शिवपुरी में रेल सुविधा के नाम पर अभी ट्रेनों की संख्या कम है, इसलिए यात्री बसों में सफर करना लोगों की मजबूरी है। इस सम्बन्ध में जिला परिवहन अधिकारी रंजना सिंह को मेसेज करके जवाब मांगा, तो उन्होंने मेसेज तो सीन कर लिया, लेकिन जवाब नहीं दिया।
हर दिन बदलते हैं रेट
शिवपुरी से होकर निकलने वाली लंबी दूरी की निजी यात्री बसों में किसी भी स्थान का किराया निर्धारित नहीं है। इन बसों की ऑनलाइन बुकिंग भी होती है, तथा उनमें हर दिन किराया भी बदलता रहता है। जब भी त्योहारी सीजन आया, तो किराया भी बुलेट ट्रेन की तरह रफ्तार पकड़कर दोगुना हो जाता है।
लुट रहा आम आदमी, शासन-प्रशासन मौन
यात्री बसों में किराए के नाम पर यात्रियों से खुली लूट हो रही है। आम आदमी की जेब खुलेआम काटी जा रही है, लेकिन जिम्मेदार परिवहन विभाग सहित शासन-प्रशासन मौन साढ़े हुए है। शायद परिवहन विभाग इन निजी यात्री बसों के मालिक से सीधे कॉन्टेक्ट में है, इसलिए तो जंगल में करोड़ों की नगदी और सोना मिलता है।

बस किराए के नाम पर यात्रियों से खुलेआम लूट







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