December 17, 2025
शिक्षक की जिसने ली जान, उसकी नहीं थी कोई दुश्मनी, गोली चलाते समय फट गया था कट्टा

शिक्षक की जिसने ली जान, उसकी नहीं थी कोई दुश्मनी, गोली चलाते समय फट गया था कट्टा

शिवपुरी। जिले के भौंती थाना क्षेत्र में बीते 1 दिसंबर को एक शासकीय शिक्षक की उस समय गोली मारकर हत्या कर दी थी, जब वो अपने शिक्षक साथी के साथ स्कूल से लौट रहा था। इस मामले को पुलिस ने 11 दिन में ट्रेस करके गोली मारने वाले आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस को इतना समय इसलिए लग गया, क्योंकि जिसने शिक्षक को गोली मारी, उसकी मास्टर से कोई दुश्मनी नहीं थी। महत्वपूर्ण बात यह है कि गोली मारते समय कट्टा भी फट गया था, जिससे गोली चलाने वाले को भी चोट लग गई, और कट्टा दो टुकड़े हो गया।
आज प्रेस कॉन्फ्रेंस में एडिशनल एसपी संजीव मुले ने बताया कि 1 दिसंबर की शाम को कल्याण लोधी अपने चचेरे भाई शिक्षक अनिल लोधी के साथ स्कूलों से पढ़ाकर बाइक से अपने गांव ऊमरीकला लौट रहे थे। कुछ व्यक्तियों ने गणेशखेडा बेयर हाउस के पास कल्याण लोधी को गोली मार दी जिससे उसकी मौत हो गई थी। परिजनों ने कल्याण की हत्या का आरोप ऊमरीकला के मुरारी लोधी, सवीता लोधी, जितेन्द्र उर्फ कल्ला लोधी, नाहर सिंह लोधी, रामजीलाल लोधी एवं प्रदीप दुबे पर लगाया। पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर लिया।

पुलिस ऐसे पहुंची आरोपी तक

एसडीओपी पिछोर प्रशांत शर्मा ने टीम गठित कर जांच शुरू की। परिजनों ने बताया कि मृतक कल्याण के चाचा वीरसिंह लोधी ने मुरारी लोधी पे डकैती का एक केस दर्ज कराया था, जिसमें 9 दिसंबर को फैसला आने वाला था।
गोली मारने का ठेका भगवतपुरा का प्राण सिंह को दिया
मुखबिर की सूचना पर पुलिस संदेही भगवन्तपुरा के प्राणसिंह यादव तक पहुंची। उसने गोली मारना स्वीकार कर लिया। उसकी शिक्षक से कोई दुश्मनी नहीं थी। उसे मुरारी लोधी ने रुपए देकर तथा उसके केसों में मदद करने का आश्वासन देकर उसे गोली मारने के लिए तैयार किया।

ऐसे दिया वारदात को अंजाम::

1 दिसंबर की सुबह मुरारी की पत्नि सविता और एक लडका बाइक से बाचरौन चौराहे से आगे होण्डा ऐजेन्सी के पास आए और आरोपी प्राण सिंह यादव को देशी कट्टा दिया एवं आरोपी प्राण सिंह यादव पिछोर कोर्ट के बाहर मुरारी से मिला जहां मुरारी ने प्राण सिंह को एक 12 बोर का कारतूस दिया एवं अपने दामाद जितेन्द्र उर्फ कल्ला लोधी से मिलवाकर बताया कि यह तुम्हारे साथ बाइक चला कर ले जाएगा और तुम गोली मार देना। इसी तेज पर प्राणसिंह ने वारदात को अंजाम दिया। लेकिन गोली चलने के साथ ही कट्टे का आधा भाग टूट गया, जिससे प्राण सिंह के वायें हाथ में चोट लगी और कट्टे का आधा भाग टूट कर वहीं गिर गया एवं बाकी बचा लकड़ी वाला हिस्सा (बट) जिस पर कलावा बंधा था हाथ में ही रह गया जिसे आगे चल कर थोडी दूर झाडी में फेंक दिया। प्राणसिंह के खिलाफ पूर्व से भी कई प्रकरण दर्ज हैं।
इनकी रही सराहनीय भूमिका- निरीक्षक घनश्याम भदौरिया थाना प्रभारी भौंती, उ.नि. कुसुम गोयल चौकी प्रभारी खोड, उ.नि. रामकिशोर जोशी थाना पिछोर, उ.नि. अजय पटेल थाना मायापुर, सउनि शेख महबूव शेख मायापुर सउनि संजय कुमार भगत थाना भौती, प्रआर प्रहलाद सिंह यादव, अभयराज सिंह, मृत्युन्जय सिंह, नरेन्द्र पाल थाना खनियाधाना, आर. रविकांत शर्मा चौकी खोड बलवीर बघेल थाना पिछोर, बृजेश राणा, पुष्पेन्द्र सिंह चौहान, पीकेश कुमार, मलखान गुर्जर, रोहित उपाध्याय, कप्तान यादव, अतुल तोमर एस डी ओ पी कार्यालय पिछोर, दुर्गाविजय थाना भीती, वंटी उमरैया थाना भौंती, गजेन्द्र शर्मा थाना भौंती, संतोष पाठक थाना भर्भीती, आर. देशराज गुर्जर, आलोक व्यास सायवर सैल की अहम भूमिका रही।

शिक्षक की जिसने ली जान, उसकी नहीं थी कोई दुश्मनी, गोली चलाते समय फट गया था कट्टा

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