
शिवपुरी में क्रिकेट स्टेडियम के बावजूद प्रैक्टिस ग्राउंड में कराया क्रिकेट मैच, पांच बॉल खोई
मेंटेनेंस के नाम पर नहीं दिया क्रिकेट ग्राउंड, छोटे खेल मैदान में कैसे निखर पाएंगी प्रतिभाएं..?
शिवपुरी। यूं तो शिवपुरी में खिलाड़ियों के लिए बेहतर स्टेडियम बनवाए गए हैं, लेकिन जब कॉलेज स्टूडेंट्स के बीच क्रिकेट प्रतियोगिता के लिए क्रिकेट स्टेडियम नहीं दिया गया। जिसके चलते दूसरे मैच की पहली इनिंग तक 5 बॉल खो चुकी थीं। खिलाड़ियों के अलावा स्पोर्ट्स टीचर भी यही बोले कि अब ऐसे मैदान में मैच नहीं कराएंगे।
गौरतलब है कि शिवपुरी के खेल परिसर (स्टेडियम) में सबसे पहले क्रिकेट ग्राउंड बनाया गया था। उसके बाद हॉकी का एस्टेटर्ब ग्राउंड के अलावा रनिंग ट्रैक, शूटिंग कैंपस बनाया गया। एक ही जगह पर सभी खेलों के लिए ग्राउंड बनाए जाने के बावजूद जिले के ही खिलाड़ियों को खेलने के लिए ग्राउंड नहीं दिया जा रहा।
सोमवार को जिला खेल परिसर में स्थित क्रिकेट के प्रैक्टिस ग्राउंड में मैच करवा दिए। चूंकि यह प्रैक्टिस का ग्राउंड है, इसलिए उसकी बाउंड्री भी कम रखनी पड़ी, तथा उसके किनारों पर कटीली झाड़ियां व नाले जैसी गहराई होने की वजह से कॉलेज के खिलाड़ी जोखिम उठाकर अपनी खेल प्रतिभा को दिखाने का प्रयास कर रहे थे।
पहला मैच नरवर कॉलेज एवं पिछोर के खिलाड़ियों के बीच हुआ, जिसमें पिछोर की टीम के हारने के बाद नरवर और पीजी कॉलेज शिवपुरी के खिलाड़ियों के बीच फाइनल हुआ। पहले बेटिंग करते हुए शिवपुरी पीजी कॉलेज की टीम ने 15 ओवर में 161 रन बनाए। लेकिन इस दौरान तक 5 बॉल खेल मैदान में मौजूद झाड़ियों में खो गई।
इस कॉलेज टूर्नामेंट ने यह तो स्पष्ट कर दिया है कि शिवपुरी के जिला खेल परिसर के ग्राउंड बाहर के खिलाड़ियों या फिर मोटर फीस देने के बाद ही खेलने दिया जाता है। जबकि यह जिला खेल परिसर इसलिए बनाया गया, ताकि शिवपुरी की खेल प्रतिभाएं इसमें निखारी जा सकें, लेकिन जब शिवपुरी के खिलाड़ियों को ग्राउंड ही नहीं दिया जाता, तो फिर कैसे खेल प्रतिभाएं निखर पाएंगी..?
तिरंगा भी नदारद…
जिला खेल परिसर के मुख्य द्वार पर ही बड़ा तिरंगा झंडा भी लगाया गया था। यह झंडा पिछले 6 माह से नदारद है, जबकि झंडे के नीचे से निकलते समय हर खिलाड़ी को एक अलग फीलिंग होती है। जिला खेल अधिकारी केके खरे हर बार एक ही जवान। देते हैं, कि झंडा रिपेयर होने गया है।







