
शिवपुरी बना नाट्य मंच, जिस पर दे रहे कई बड़े कलाकार अपनी प्रस्तुति, पौने 3 लाख दर्शक
पहले भ्रष्टाचार, फिर अपहरण और अब आंसू बहा कर मांग रहीं माफी, फरार ठेकेदार पर चुप्पी
शिवपुरी। शिवपुरी एक नाट्य मंच बनकर रह गया, जिसके स्टेज पर एक से बढ़कर एक कलाकार अपनी प्रस्तुति दे रहे हैं। इस नाटक को शहर की पौने 3 लाख की आबादी दर्शक बनकर देख रही है। नपाध्यक्ष ने तीन साल में जमकर भ्रष्टाचार किया, उसके बाद जब अविश्वास प्रस्ताव की बात आई तो पार्षदों का कथित अपहरण कर लिया। जब अविश्वास का आवेदन वापस हुआ, तो शहर में वापस आकर अब पार्षदों को मैनेज करने के लिए आंसुओं की प्रस्तुति दी जा रही है। इस पूरे नाटक में भ्रष्टाचार का मुख्य आरोपी फरार इनामी ठेकेदार पर कलाकारों से लेकर कलमवीर भी चुप्पी साधे हुए है।
शिवपुरी के नाट्यमंच पर नाटक की शुरुआत 3 साल पहले पूर्व केबिनेट मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने शहर की जनता को गायत्री शर्मा के रूप में नपाध्यक्ष बनाकर की। उसके बाद शुरू हुई शहर लूटने की होड, जिसके चलते शहर की जनता के छोटे-छोटे काम यह कहकर नहीं किए गए, कि बजट नहीं है, जबकि दूसरे रस्ते से एक ठेकेदार को 5 करोड़ से अधिक का भुगतान करने के साथ ही नपाध्यक्ष और 3 सीएमओ ने अपना घर भरा। शहर की जनता इस नाटक को सिर्फ देखती ही रही।
दो माह पहले एकाएक नगरपालिका के 18 पार्षदों ने करेरा में बग़ीचा सरकार पर पहुंचकर नपाध्यक्ष को हटाने या फिर खुद इस्तीफा देने की कसम खा ली। इस बीच नपाध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का आवेदन दे दिया गया। नपाध्यक्ष ने अपनी वोटिंग बढ़ाने के लिए कुछ पार्षदों का अघोषित अपहरण किया, और उन्हें हिल स्टेशनों पर घुमाया।
फिर नाटक के मंच पर आए सबसे बड़े कलाकार यानि प्रभारी मंत्री। उन्होंने विरोधी पार्षदों को बताया कि कैसे वो कसम से बच सकते हैं, और अविश्वास वापस लेने से नपाध्यक्ष भी बच जाएंगी। बीते सोमवार को कलेक्ट्रेट की बैठक में नपाध्यक्ष को हटाने पर प्रभारी मंत्री ने किसी को बोलने नहीं दिया, जिसका परिणाम यह रहा कि पार्षदों के सुर बदल गए, और वो नपाध्यक्ष को हटाने की बात भूलकर शहर विकास की बात करने लगे। पिछले दौरे में मंत्री एक नपाकर्मी को माला पहना गए, और इस बार जब वार्ड भ्रमण के दौरान जनता का विरोध झेलना पड़ा, तो वो माफी मांगकर अपनी टीम को बचाने एवं आश्वासन की गोली देकर निकल गए। इधर जब मीडिया ने विरोधी पार्षदों के बदले सुर दर्शकों को दिखाए, तो नपाध्यक्ष के हिल स्टेशन टूर की शिकायत लेकर तीन पार्षद कलेक्ट्रेट पहुंच गए। जबकि चर्चा यह भी है कि नपाध्यक्ष और कथित अपहृत पार्षदों के साथ फरार ठेकेदार भी हिल स्टेशन की सैर में साथ रहा था।
इस पूरे नाटक के डायरेक्टर हैं क्षेत्रीय सांसद और केंद्रीय मंत्री, जो शिवपुरी दौरे पर आने के दौरान इस मुद्दे पर बात ही नहीं करते, बल्कि अपने अधीनस्थों से रिपोर्ट लेते हैं। इस नाटक में जिले के सूबा साहब यानि जिलाधीश का किरदार भी कम इंट्रस्टिंग नहीं है। इस पूरे नाटकीय घटनाक्रम में प्रभारी मंत्री कह रहे हैं कि अब भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं होगा, तो क्या पिछले तीन साल में जो भ्रष्टाचार हुआ, उसका कोई हिसाब किताब नहीं लिया जाएगा..??।
नगरपालिका की वो टीम जो अध्यक्ष के साथ है
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