November 14, 2025
शहर के नालों की गंदगी का चांदपाठा झील से हुआ मिलन

शहर के नालों की गंदगी का चांदपाठा झील से हुआ मिलन

शिवपुरी शहर के नालों की गंदगी जाधव सागर से कर्बला होते हुए झाग के रूप में चांदपाठा झील
शिवपुरी। केंद्र सरकार की झील संरक्षण परियोजना में शामिल चाँदपाठा झील में सोमवार को शिवपुरी शहर की गंदगी पहुंचना शुरू हो गई। घने झाग के रूप में नालों की गंदगी कर्बला से होती हुई चांदपाठा झील।में पहुंच रही थी, जिसके चलते उस रोड से गुजरते समय तेवर दुर्गेश भी लोगों को आ रही थी। गौरतलब है कि शिवपुरी शहर के अभी नाले सीवर चेंबर के रूप में तब्दील हो गए। जिसने शहर की गंदगी के अलावा अस्पतालों का बायोमैट्रिक कचरा और सीवर की गंदगी इन नालों में पहुंचती है। पूरी तरह गंदगी से लवरेज इन नालों में जब बारिश का पानी तेज फ्लो से आया, तो यह पूरा कचरा जाधव सागर से होती हुई कर्बला में पहुंची। आज सुबह हुई बारिश के बाद आया पानी का फ्लो कर्बला में जमा हुई गंदगी को चांदपाठा तक ले गया। शहर के नालों की यह गंदगी सीधे ही चांदपाठा झील में पहुंचने से ना केवल झील का पानी दूषित कर रही है, वहीं तलहटी में गंदगी जमा होने की वजह से झील की गहराई बहुत कम हो गई।
ज्ञात रहे कि 57 करोड़ से 150 करोड़ रुपए की लागत वाला सीवर प्रोजेक्ट भी चांदपाठा झील को संरक्षित करने के लिए स्वीकृत कराया गया। दो साल में पूरा होने वाला यह प्रोजेक्ट 14 साल बाद भी अधूरा है। साथ ही जिस झील को गंदगी से मुक्त करवाकर आकर्षक स्वरूप देना था, उसने आज भी बड़ी मात्रा में गंदगी पहुंच रही है। केंद्र की योजना होने की वजह से उसके बेहतर क्रियान्वयन पर क्षेत्रीय सांसद को ध्यान देना चाहिए। क्योंकि शिवपुरी की चाँदपाठा झील को अंतरराष्ट्रीय रामसर साइट में शामिल किया गया है।

पानी उतरने पर निकलेंगे मगरमच्छ

शहर के नालों। में मगरमच्छों की भरमार है। जो अब नालों के फुल होने के साथ ही उनमें दबे बैठे मगरमच्छ भी आसपास के इलाकों में निकल गए होंगे। पानी उतरते ही यह मगरमच्छ रिहायशी इलाकों में निकलना शुरू होंगे।

शहर के नालों की गंदगी का चांदपाठा झील से हुआ मिलन

चौंकिए मत, यह बर्फ नहीं बल्कि शिवपुरी शहर के नालों की गंदगी चाँदपाठा झील में पहुंच रही है

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