September 30, 2025
सिंधिया वर्सेस तोमर के बीच पिस रहे भाजपा पदाधिकारी व कार्यकर्ता

सिंधिया वर्सेस तोमर के बीच पिस रहे भाजपा पदाधिकारी व कार्यकर्ता
वर्तमान परिदृश्य में तोमर लॉबी पदों पर काबिज, इसलिए जिलाध्यक्ष भी नहीं रोक रहे

ग्वालियर-चंबल संभाग सहित शिवपुरी जिले में भारतीय जनता पार्टी की राजनीति दो धड़ों में बंट कर रह गई। ज्योतिरादित्य सिंधिया वर्सेस नरेंद्र सिंह तोमर के बीच चल रही राजनीतिक खींचतान के बीच पार्टी पदाधिकारी व कार्यकर्ता पिस रहे हैं। चूंकि वर्तमान में अधिकांश पार्टी पदाधिकारी तोमर गुट के हैं, इसलिए उस ग्रुप के नेता यदि इस्तीफा दे यह हैं, तो जिलाध्यक्ष भी उन्हें रोकने का प्रयास नहीं कर रहे, क्योंकि जिलाध्यक्ष भी सिंधिया के कृपापात्र हैं।
राजनीतिक सूत्रों की मानें तो नगरपालिका अध्यक्ष गायत्री शर्मा के खिलाफ केंद्रीय मंत्री की।ओर से कार्यवाही की तैयारी कर ली गई थी, लेकिन इसी बीच किसी ने यह शिगूफा छोड़ दिया कि यदि गायत्री को हटाया तो तोमर लॉबी की जीत हो जाएगी। बस फिर क्या था, खेल के सभी दांव उल्टे हो गए, और नपाध्यक्ष अपनी कुर्सी पर अभी भी विराजमान हैं।
यदि वर्तमान भाजपा के पदाधिकारियों के नामों पर गौर करें तो उपाध्यक्ष सोनू बिरथरे, गगन खटीक, पृथ्वीराज जादौन के अलावा और भी कई चेहरे हैं, जो तोमर गुट में शामिल हैं। चूंकि भाजपा की कार्यकारिणी पहले ही गठित हो गई थी, तथा सिंधिया खेमा बाद में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुआ, इसलिए तोमर गुट के नेता अभी तक चलते रहे। लेकिन अब संगठन के सभी नियमों को ताक पर रखकर सिंधिया ने अपने सिपहसलार जसमंत जाटव को जिलाध्यक्ष बना दिया, इसलिए अब बनने वाली भाजपा की नई कार्यकारिणी में तोमर गुट के लोग ढूंढे से नहीं मिलेंगे। शायद यही वजह है कि उस गुट के लोगों को प्रशासन के माध्यम।से प्रताड़ित करके इतना मजबूर किया जा रहा है कि वो अपने पद से खुद ही इस्तीफा दे रहे हैं। ओमप्रकाश ओमी जैन का इस्तीफा भी इसी की परिणीति है। यदि ऐसा ही रहा तो फिर भाजपा में मचा घमासान भविष्य में और भी अधिक गंभीर हो सकता है।

भ्रष्ट नेताओं को दे रहे अभयदान

शिवपुरी जिले में तोमर वर्सेस सिंधिया के बीच चल रहे द्वंद के बीच स्थिति इतनी खराब हो गई कि भ्रष्टाचार के मामले उजागर होने के बाद भी भ्रष्ट नेताओं को अभयदान दिया जा रहा है। इस पूरे खेल में एक तरफ जहां भ्रष्ट नेताओं की मौज है, तो वहीं दूसरी ओर जनता भी यह अब देख रही है कि जो नेता पावर में है, यदि उसके नजदीकी शहर को लूट भी लें, तो उसके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं होगी। ऐसी चेहरा देख राजनीति का परिणाम आने वाले चुनाव में जनता भी देने का मन बना रही है।

सिंधिया वर्सेस तोमर के बीच पिस रहे भाजपा पदाधिकारी व कार्यकर्ता

 

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