
सबका समय हो गया पूरा: नपाध्यक्ष अभी भी कुर्सी पर काबिज, बगीचा सरकार की कसम का क्या?
सभी बचा रहे अपनी कुर्सी, दे रहे थे समय, जनता को था कुछ बड़ा फेरबदल होने का इंतजार
शिवपुरी नगरपालिका में चल रही नूरा- कुश्ती में सभी का समय खत्म हो गया, लेकिन अध्यक्ष अभी भी कुर्सी पर डटी हुई हैं। भाजपा जिलाध्यक्ष से लेकर नगरपालिका परिषद के गठन का तीन साल का समय भी पूरा हो गया, तथा विरोध करने वाले पार्षदों के सुर भी धीमे हो गए। ऐसे में शहर की जनता, जो दर्शक बनकर कुछ बड़ा होने का इंतजार कर रही थी, वो भी यह सोच रही है कि नेता कितना झूठ बोलते हैं।
गौरतलब है कि नपाध्यक्ष गायत्री शर्मा को।कुर्सी से हटाने के लिए प्रयास के रहे पार्षद उस समय चर्चा में आए, जब वो कसम खाने के लिए करेरा के सिद्ध स्थल बगीचा सरकार के दरबार में जा पहुंचे। यहां पर 20 से अधिक पार्षदों। ने न केवल अध्यक्ष को हटाने या फिर खुद इस्तीफा देने का संकल्प लिया, बल्कि कसम खाने का वीडियो भी बनवाया, जो बाद।में वायरल हुआ था।
केंद्रीय मंत्री, प्रभारी मंत्री से होते हुए यह मामला भाजपा जिलाध्यक्ष जसमंत जाटव के पाले में जब गेंद आई, तो उन्होंने पिछले शनिवार यानि 2 अगस्त को पार्षदों से 7 दिन का समय मांगा था। यह टाइम लाइन भी खत्म हो गई। उधर नगरपालिका परिषद के तीन साल भी बीते 3 अगस्त को पूरा हो गया। अब समय रह गया है तो बस कसम खाने वाले पार्षदों को अपना अगल कदम बढ़ाने का, क्योंकि उन्होंने कहा था कि यदि अध्यक्ष नहीं हटी, तो वो अपने पद से इस्तीफा दे देंगे।
सभी बचा रहे अपनी कुर्सी
बिना कोई खर्चा किए अध्यक्ष की कुर्सी पर विराजमान गायत्री शर्मा को अपनी कुर्सी की चिंता है। उधर भाजपा जिलाध्यक्ष जसमंत जाटव भी इस्तीफों को रोककर अपनी कुर्सी बचाने की कवायद कर रहे हैं। अब ऐसे में विरोध करने वाले पार्षद भी सोच रहे है कि हम अपनी कुर्सी क्यों छोड़ें, लेकिन बगीचा सरकार की कसम भी तो साथ में लगी है। उधर कांग्रेसी पार्षदों का ब्रेनबॉश पिछले दिनों कक्काजू भी कर गए। सूत्रों का कहना है कि कांग्रेसी पार्षदों का कहना है कि जब भाजपा के पार्षद इस्तीफा देंगे, तब हम देंगे। तो क्या बगीचा सरकार से भी बड़ा कोई है, जिसकी धमकी की वजह से सभी शांत हैं..??
बगीचा सरकार के कसम खाते पार्षद
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