
रेत के अवैध उत्खनन ने बदली सिंध की दिशा, एक दर्जन गांव में घुसा पानी, मदद को आई सेना
लालपुर गांव में हार्ट अटैक से हुई मौत, शव को भी रेस्क्यू कर निकाला, कलेक्टर-एसपी ने देखे हालात
शिवपुरी जिले में लगातार हो रही बारिश अब कहर बनकर ग्रामीणों पर टूट रही है। जिले की कोलारस विधानसभा के एक दर्जन गांव में सिंध का पानी भर जाने से मदद के लिए सेना बुलानी पड़ी। गांवों में सिंध का पानी इसलिए भर गया, क्योंकि रेत के अवैध उत्खनन की वजह से नदी के।किनारों को।क्षतिग्रस्त कर देने से उसकी दिशा बदल दी गई। लगदा लालपुर गांव में एक व्यक्ति की हार्ट अटैक से मौत होने के बाद रेस्क्यू टीम शव को लेकर गांव से बाहर लाई। कलेक्टर रविंद्र कुमार चौधरी और एसपी अमन सिंह राठौड़ ने जलमग्न ग्रामों में नंगे पर घूमकर हालातों का जायजा लिया।
गौरतलब है कि शिवपुरी जिले।में बारिश का क्रम टूटने का नाम नहीं ले रहा। जिले।के अलावा सिंधबले कैचमेंट में अधिक बारिश होने से नदी में पानी का तेज फ्लो आ गया। पहले नदी की दिशा सीधी और गहरी हुआ करती थी, जिसके चलते पानी का तेज फ्लो कुछ देर उफान के बाद सामान्य हो जाता था। कोलारस विधानसभा में एक दर्जन से अधिक रेत उत्खनन के अवैध घाट बनाने वाले रेत माफिया ने नदी को किनारों से इतना अधिक खुद दिया कि, अब उन रास्तों से सिंध का पानी आसपास के गांव में भरनेगा है। बीते मंगलवार को।जब नदी में पानी का फ्लड आया, तो उसके आसपास के एक दर्जन गांव जलमग्न हो गए। अनंतपुर, पचावली, भडॉता, लगदा लालपुर टपरियन सहित एक दर्जन गांव में पानी भर जाने से ग्रामीण चौतरफा पानी से घिर गए।
कलेक्टर रविंद्र कुमार चौधरी ने मदद के लिए सेना को बुलाया। आज सुबह बबीना झांसी से आए सेना के जवानों ने मोटरबोट की मदद से ग्रामीणों को पानी में से निकलकर सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया। इतना ही नहीं स्थानीय युवा भाजपा नेता हरिओम रघुवंशी एवं स्थानीय सिख समाज के।लोगों ने बाढ़ प्रभावित परिवारों के लिए भोजन की व्यवस्था करवाई।
किसानों पर पड़ी दोहरी मार
कोलारस विधानसभा के जिन एक दर्जन गांव में पानी भरा है, वहां के किसानों की खेतों में खड़ी फसल भी जलमग्न होने से बर्बाद हो गई। उधर खेत में फसल नष्ट होने से किसान का भविष्य बिगड़ गया, जबकि घरों में पानी भर जाने से उसमें रखा अनाज भी खराब हो जाने से किसान का वर्तमान भी पानी ने बिगाड़ दिया।
जिंदा लोगों के अलावा लाश भी लाई सेना
कोलारस के लगदा लालपुर में रहने वाले 35 वर्षीय दुर्गेश को हार्ट अटैक आ जाने के बाद चौतरफा पानी होने से इलाज नहीं मिल पाया, और उसकी मौत हो गई। मृत्यु के बाद उसकी पत्नी अपने पति का शव लेकर बैठी रही। बाद में सेना के जवानों ने जाकर शव को वोट की।मदद से बाहर लाया गया।
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