September 30, 2025
राजनीतिक संरक्षण में पनप रहे अपराधी, फिर शिवपुरी शहर का अर्पित हो या कोलारस का संदीप

राजनीतिक संरक्षण में पनप रहे अपराधी, फिर शिवपुरी शहर का अर्पित हो या कोलारस का संदीप
पूर्व केबिनेट मंत्री ने रखा हाथ, लूट लिया शहर, वहां नेताओं के संरक्षण में बेचा जमकर नशा

शिवपुरी। अपराधियों को नेताओं का संरक्षण होता है, इसलिए वो अपने काम को बेखौफ अंजाम देकर चंद समय में ही करोड़पति हो जाते हैं। फिर चाहे शिवपुरी का फरार इनामी ठेकेदार अर्पित शर्मा हो या फिर कोलारस का संदीप सरदार। पूर्व केबिनेट मंत्री के संरक्षण में अर्पित ने शहर लूट लिया, तो वहीं कोलारस में सत्ताधारी नेताओं की छत्रछाया में संदीप करोड़ों का आसामी बन गया। पुलिस ने अपराध तो दर्ज किया है, लेकिन क्या इनकी संपत्ति की जांच भी होगी, जिसमें यह पता चल सके कि कभी बमुश्किल जीवन व्यतीत करने वाले यह अपराधी देखते ही देखते कैसे धनकुबेर बन गए..?।
शिवपुरी हो या देश, आज भी अच्छे लोगों का प्रतिशत 90 है, लेकिन महज 10 प्रतिशत अपराधी उन पर हावी रहते हैं। इसकी मुख्य वजह यह है कि वो उन अपराधियों को स्थानीय और वरिष्ठ नेताओं का खुला संरक्षण रहता है। कोलारस के जिस संदीप सरदार को पुलिस ने 6 करोड़ की चरस के साथ दबोचा, उसका एक फोटो केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ भी है। मंत्री से संदीप को मिलवाने वाले नेताओं में बंटी खरेह के अलावा भाजपा नेता नजर आ रहे हैं। संदीप की गिरफ्तारी के बाद एक पर्चा भी वायरल हुआ, जिसमें स्थानीय विधायक महेंद्र यादव के सेक्रेटरी चन्दू श्रीवास्तव, टीआई अजय जाट, बंटी खरेह, भूपेंद्र रघुवंशी पटवारी, के खाते नशे के तस्कर संदीप के यहां खुले हुए थे। यानि उक्त सभी कद्दावर लोग उससे पोषित होने के साथ ही उसे क्षेत्र के वरिष्ठ नेताओं से मिलवाने के लिए भी साथ लेकर पहुंच गए। अब स्थानीय प्रभावशाली नेताओं और केंद्रीय मंत्री के साथ नशे के सौदागर का फोटोसेशन हो रहा हो, तो फिर आम आदमी की क्या मजाल, जो उसके गलत काम को देखकर भी किसी से शिकायत कर सके,क्योंकि सुनवाई करने वाले भी उसी अपराधी से पोषित हो रहे हैं। हालांकि इसमें केंद्रीय मंत्री सिंधिया का कोई गुनाह इसलिए नहीं है, क्योंकि उनके नजदीकी लोग किसी को भी उनसे मिलवाने और स्वागत करवाने ले जा सकते।हैं. अब सिंधिया तो उनसे चरित्र प्रमाण पत्र नहीं मांगेंगे। वो तो यही भरोसा कर रहे थे कि उनके सिपहसलार लेकर आए हैं, तो अच्छा ही होगा, उन्हें क्या पता था कि स्वागत करने वाल उसी नशे का सौदागर है, जिसे जिले में बंद करवाने के निर्देश सिंधिया ने पुलिस को दिए हैं।

सतनबाड़ा के होटल वाला भी चर्चा में

यह सर्वविदित है कि शिवपुरी के किसानों को पंजाब से आए किसानों ने खेती करना सिखाया। लेकिन उन किसानों की आड में कुछ नशे के तस्कर भी शिवपुरी आ गए, जो अफीम, चरस, डोडा फक्की के अलावा स्मैक का कारोबार भी कर रहे हैं। सूत्रों की मानें तो सतनबाड़ा के पास एक होटल वाला भी इसी तरह चंद समय में करोड़पति बन गया, जिसका शिवपुरी शहर में आलीशान कोठी होने के साथ ही करोड़ों रुपया ब्याज पर भी लगा है।

राजनीतिक संरक्षण में पनप रहे अपराधी, फिर शिवपुरी शहर का अर्पित हो या कोलारस का संदीप

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