
पार्षदों या शहरवासियों को नहीं दी प्रशासन ने जांच रिपोर्ट, आरोपी ठेकेदार को उपलब्ध कराई
पुलिस के रास्ते जांच रिपोर्ट आरोपी तक पहुंचने की सुगबुगाहट, आरोपी के वकील ने बनाया साक्ष्य
शिवपुरी। नगरपालिका शिवपुरी में हुए भ्रष्टाचार की शिकायत जब पार्षदों ने कलेक्टर सहित प्रभारी मंत्री व केंद्रीय मंत्री तक पहुंची, तो प्रशासन ने उसकी जांच करवाई। प्रशासनिक जांच में भ्रष्टाचार उजागर होने के बाद ठेकेदार सहित नपा के दो इंजीनियरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई। इसमें महत्वपूर्ण बात यह है कि प्रशासन द्वारा की गई जांच रिपोर्ट को जानने के लिए शहरवासी सहित शिकायत करने वाले पार्षद तो कलेक्ट्रेट में आवेदन लेकर भी पहुंचे। प्रशासन ने वो जांच रिपोर्ट किसी को देना तो दूर दिखाई तक नहीं, जबकि आरोपी ठेकेदार के पास यह जांच रिपोर्ट पहुंच गई।
गौरतलब है कि नपा में हुए भ्रष्टाचार के आरोपी ठेकेदार की शिवपुरी न्यायालय से जमानत निरस्त होने के बाद अब हाईकोर्ट ग्वालियर में आवेदन लगाया है। सूत्रों की माने तो आरोपी ठेकेदार ने दो वकील किए हैं, जिसमें एक को जमानत के लिए, जबकि दूसरे को एफआईआर निरस्ती का ठेका दिया है। बीते 25 अगस्त को आरोपी के वकील ने कुछ डॉक्यूमेंट्स कम होने की बात कहकर 3 दिन का समय मांगा। बीते 28 अगस्त को आरोपी का वकील नहीं आया, और आखिरी समय में एक सीनियर एडवोकेट बिना किसी तैयारी के खड़े हो गए। विश्वस्त सूत्रों का कहना है कि मजिस्ट्रेट ने यह कहते हुए इस मामले को अपनी अदालत से दूसरी कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया कि मैं किन्हीं कारणों से यह केस ट्रांसफर कर रहा हूं।
इस पूरे मामले में महत्वपूर्ण बात यह है कि आरोपी के वकील ने जो डॉक्यूमेंट्स कोर्ट में लगाए हैं, इसमें कलेक्टर द्वारा कराई गई जांच रिपोर्ट भी शामिल है। जबकि इस रिपोर्ट को केवल दिखा देने की गुहार पार्षद लगाते रहे, ज्ञापन सौंपा, लेकिन उन्हें नहीं दी गई। आरोपी तक यह जांच रिपोर्ट पुलिस के माध्यम से पहुंचने की पूरी संभावना है, क्योंकि ठेकेदार पर इनाम घोषित करने के बाद भी पुलिस ने उसे जमानत कराने के लिए पूरा समय दिया है।
चूंकि नगरपालिका में पार्षदों और अध्यक्ष के विवाद में फिलहाल विराम लग गया, और अब ठेकेदार की गिरफ्तारी का मुद्दा उठना तय था। यही वजह है कि एकाएक जांच अधिकारी संजय मिश्रा,ने आज घर पर नोटिस चस्पा करवा दिया। मिश्रा पूर्व में शिवपुरी में कोतवाली टीआई रह चुके हैं।
सर्च वारंट नहीं दिया, शनिवार की लगाई तारीख
38 दिन बाद सक्रिय हुई पुलिस ने आरोपी ठेकेदार के घर का सर्च वारंट जारी करवाने के लिए न्यायालय में शासकीय वकील से आवेदन लगवाया। बताते हैं कि मजिस्ट्रेट विवेक शर्मा ने सर्च वारंट जारी ना करते हुए, शनिवार की तारीख लगा दी है।एजीपीओ अरुण राजोरिया ने बताया कि केस की डायरी लेकर कोलारस एसडीओपी शाम साढ़े 4 बजे कोर्ट में आए, इसलिए मजिस्ट्रेट ने डायरी लेट होने की वजह से शनिवार की तारीख दे दी।
प्रशासन द्वारा कराई गई जांच की रिपोर्ट
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