
पार्षदों के साथ जनता ने पुतला फूंक दिया, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कह गए सिंधिया का संरक्षण, अब क्या शेष रह गया?
भ्रष्टाचार के साथ सामाजिक विरोध होने के बाद भी नपाध्यक्ष को बचाकर अपने नंबर कर रहे कम
शिवपुरी। शिवपुरी के इतिहास में पहली बार नगर के प्राथमिक नागरिक का पुतला दहन किया गया। रविवार को जब गांधी पार्क में कांग्रेस के कार्यक्रम में शिवपुरी नगरपालिका के भ्रष्टाचार का शोर गूंजता रहा, उसके बाद नपाध्यक्ष का पुतला जलाने के बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष भी कह गए कि भ्रष्ट नपाध्यक्ष को सिंधिया का संरक्षण है। अब सवाल यह है कि इतना अब होने के बाद भी आखिर केंद्रीय मंत्री उन्हें संरक्षण क्यों दे रहे हैं?, जबकि ऐसा करने से उनके नंबर भी जनता के बीच कम हो रहे हैं।
नगरपालिका के भ्रष्टाचार में नपाध्यक्ष गायत्री शर्मा की संलिप्तता उजागर होने के बाद पार्षदों का विरोध तेज हुआ और उन्होंने अविश्वास प्रस्ताव लाने का आवेदन कलेक्टर को दिया, तो भाजपा जिलाध्यक्ष से लेकर प्रभारी मंत्री तक पार्षदों को मनाने में जुट गए थे। क्योंकि अविश्वास होने से केंद्रीय मंत्री की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े होये, इसलिए जिलाध्यक्ष और प्रभारी मंत्री ने लंबे चौड़े आश्वासन देकर पार्षदों से अविश्वास वापस करवा लिया। मामला कुछ ठंडा हुआ ही था कि पार्षद राजू गुर्जर के इस्तीफा देने पर नपाध्यक्ष के बयान ने पूरे शहर में भी लोगों की नजरों से उतार दिया।
नपाध्यक्ष के बयान ने एक बार फिर न केवल मामले को हवा दे दी, बल्कि उनकी बेटियों के लिए सोच को भी उजागर कर दिया। चूंकि वे खुद भी महिला हैं और बेटियों को बोझ बताकर उन्होंने प्रदेश सरकार के बेटी बचाओ-बेटी बढ़ाओ, नारे को भी गलत साबित करने का प्रयास किया। जिसके चलते नपाध्यक्ष का पुतला भी शहर के हृदय स्थल पर फूंका गया। इस दौरान शिवपुरी में कार्यक्रम से लौट रहे कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने स्पष्ट आरोप लगाते हुए कहा कि भ्रष्टाचार में लिप्त नपाध्यक्ष, जिनका शहर में पुतला जलाया गया, उनको केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया संरक्षण दे रहे हैं।
इतना सब होने के बाद भी क्या केंद्रीय मंत्री इस संबंध में कोई निर्णय नहीं ले रहे, जबकि अब शहर की जनता भी कहने लगी है कि भ्रष्टाचारियों को संरक्षण देकर वो जनता का भी विरोध ले रहे हैं। जबकि श्योपुर में भी अध्यक्ष को हटाया जा चुका है, तो फिर शिवपुरी में ऐसा बीटों क्यों लगा रखा है?

चौराहे पर नपाध्यक्ष का पुतला फूंकने के बाद विलाप करने का नाटक करते पार्षद









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