September 30, 2025
नगरपालिका की नौटंकी में आज रहा इस्तीफों का दिन, 18 में से 17 एकजुट होकर पहुंचे पार्षद

नगरपालिका की नौटंकी में आज रहा इस्तीफों का दिन, 18 में से 17 एकजुट होकर पहुंचे पार्षद
वार्ड 9 की रितु ने अलग से दिया इस्तीफा, बोलीं: जेठ विधायक, फिर भी नहीं हुआ वार्ड विकास

शिवपुरी। पिछले दो माह से चल रही नगरपालिका की नौटंकी में गुरुवार को इस्तीफा एपीसोड हुआ। 18 में से 17 पार्षद एकजुट होकर देशभक्ति गीतों की धुन पर कलेक्ट्रेट पहुंचे, लेकिन वहां जाकर उन्हें 45 मिनट उमस भरी गर्मी में परेशान होना पड़ा। इससे पहले वार्ड 9 की भाजपा पार्षद रितु जैन ने अपने पति के साथ अलग से इस्तीफा दिया, तथा बातचीत में बोलीं कि हमारे तो जेठ शिवपुरी विधायक हैं, फिर भी हम अपने वार्ड में कोई विकास नहीं कर पाए। कलेक्टर की जगह एडीएम को बमुश्किल सामूहिक इस्तीफा दिया जा सका।

अभी तक की नौटंकी का यह रहा सार::

– सबसे पहले पार्षदों ने करेरा के बगीचा सरकार में जब नपाध्यक्ष गायत्री शर्मा को हटाने या फिर खुद इस्तीफा देने की कसम खाई।
– पार्षदों को ऐसा लगा कि जब सत्ताधारी पार्षद इस्तीफे की धमकी देंगे, तो हमारी पार्टी के वरिष्ठ नेता सहयोग करके नपाध्यक्ष को हटा देंगे।
– डेढ़ महीने की कवायद में जब कोई परिणाम नहीं आया, तथा वरिष्ठ नेता, नपाध्यक्ष को बचाने में जुट गए, तो पार्षदों ने अविश्वास का आवेदन दिया।
– अविश्वास प्रस्ताव के आवेदन से केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की ऊपर किरकिरी होने लगी, तो उन्होंने अपने कृपापत्रों को जिम्मेदारी दी।
– प्रभारी मंत्री और जिलाध्यक्ष ने दिन रात बैठकें करके पार्षदों को इस बात के लिए तैयार किया कि अविश्वास वापस ले लो, हम अध्यक्ष हटा देंगे।
– अविश्वास पर साइन करने वाले दिन बगीचा सरकार पर कसम खाने वाले पार्षद दो फाड़ हो गए, तथा एक-दूसरे को जमकर खरी खोटी सुनाई।
– अगले दिन जब पार्षदों को गुप्त रणनीति का पता चला, तो फिर सवाल आया कि बगीचा सरकार की कसम का क्या करें, वहां पर भी झूठ ठीक नहीं है।
– फिर रास्ता निकाला कि कसम खाने वाले पार्षद इस्तीफा देंगे, लेकिन उनका इस्तीफा प्रशासन स्वीकार नहीं करेगा। ऐसा करके वो कसम से भी फ्री हो जाएंगे।
– इस्तीफा देने के लिए गुरुवार का दिन तय हुआ, पार्षद पहले बगीचा सरकार पर इस्तीफे की फोटोकॉपी देकर रेली की शक्ल।में कलेक्ट्रेट पहुंचे।
– इस्तीफा लेने कलेक्टर नहीं आए, तो पार्षद दूसरे अधिकारी को इस्तीफा देने से इसलिए कतराने लगे कि बात तो कलेक्टर से हुई है, कहीं दूसरे अधिकारी ने स्वीकार कर लिया तो क्या करेंगे।
– काफी समझाने के बाद एडीएम को इस्तीफा देने को तैयार हुए, और फिर पैदल अपने घरों को निकल गए। ऐसा करके उन्होंने इंसान और भगवान दोनों को साध लिया, ऐसा उनका मानना है।

नौटंकी ने उजागर कर दिए कई चेहरे

नगरपालिका की इस नौटंकी का फिलहाल परिणाम कुछ भी सामने नहीं आया, लेकिन इस दौरान कई चेहरे उजागर हो गए। शहर की जनता ने भी देख लिया कि किसमें कितना दम है, और नेता अपनी कुर्सी व साख बचाने के लिए किस हद तक जा सकते हैं। चलो कम से कम दो माह के इस नगरपालिका के सीरियल ने नेताओं की सच्चाई सामने ला दी।

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