
नपा में अब हुआ गन्ना घोटाला, बिना टेंडर के काटी रसीद, मांगे 1 हजार, बात बनी 300 में, रसीद काटी 200 की
शहर में लगीं थीं थोकबंद दुकानें, वसूली हुई 3प0 से 600 रुपए तक, जमा राशि का हुआ बंदरबांट
शिवपुरी। घोटालों के लिए चर्चा में रहने वाली नगरपालिका शिवपुरी में इस बार गन्ना घोटाला हो गया। जिसमें बिना टेंडर हुए ही गन्ने वालों से वसूली कर ली गई। चूंकि शहर में डेढ़ सैकड़ा से अधिक गन्ने के दुकानें लगीं थीं, जिस वजह से देव उठने के बाद भी गन्ना शहर में जो गन्ना रह गया, वो अब खाने के लिए लोग ले जा रहे हैं।
सोमवार की सुबह जिला अस्पताल के पास लगाई गई दुकान पर बचे गन्नों को दुकानदार उम्मेद सिंह 10 रुपए प्रति नग बेच रहे थे। उम्मेद ने बताया कि देव उठान वाले दिन हमने जब दुकान लगाई, तो कुछ देर बाद ही हमारे पास नगरपालिका की गाड़ी में सवार होकर 5-6 लोग आए, और हमसे 1 हजार रुपए की मांग की। हमने जब इतने अधिक रुपए ना होने की बात कही तो वो 500 रुपए देने की कहने लगे, लेकिन हमारे पास उस समय तक गन्ने बेचने के बाद 300 रुपए ही आए थे, जो हमने उन्हें दे दिए, जिसके बदले वो 200 रुपए की रसीद थमा गए। जो रसीद दी गई, उसमें स्वच्छता का संदेश लिखा हुआ था।
महत्वपूर्ण बात यह है कि बिना टेंडर के स्वच्छता के नाम पर नपा के वसूली अमले ने शहर में अवैध वसूली कर डाली। यदि बात करें तो इससे पहले जिला अस्पताल के पास पार्किंग के नाम पर हो रही वसूली को नपाध्यक्ष ने अवैध बताते हुए एफआईआर कराने की बात कही थी, तो वहीं सीएमओ ने वसूली को नियमानुसार बताया था। नपाध्यक्ष ने बताया था कि बस स्टेंड का ठेका भी खत्म हो गया है, लेकिन वसूली हो रही है। इसमें सीएमओ ने कहा था कि जब तक दूसरा टेंडर नहीं होगा, हम उसे एक्सटेंड किए हुए हैं। कुल मिलाकर नपा में वसूली का खेल भी अजब-गजब है, और बिना टेंडर/ठेका के गन्ने वालों से वसूली हो गई।

जिला अस्पताल के पास दुकान लगाने वाले उम्मेद सिंह, रसीद दिखाते हुए






