
नपा में भ्रष्टाचार के आरोपी ठेकेदार अर्पित की हाईकोर्ट में जमानत याचिका हुई खारिज
शिवपुरी के युवा एडवोकेट अभय जैन ने दर्ज कराई आपत्तियां, हाईकोर्ट जज ने लिया गंभीरता से
शिवपुरी। नगरपालिका में शहर विकास के लिए आई राशि में भ्रष्टाचार करने वाले मुख्य आरोपी ठेकेदार अर्पित शर्मा की जमानत याचिका शनिवार को ग्वालियर हाईकोर्ट में निरस्त हो गई।अब जमानत का इंतजार लम्बा हो गया, तथा सुप्रीम कोर्ट में अब जमानत आवेदन लगाना होगा। शिवपुरी न्यायालय के बाद हाईकोर्ट में भी शिवपुरी के युवा एडवोकेट अभय जैन ने आपत्ति दर्ज कराई, जिसे हाईकोर्ट जज ने गंभीरता से लेते हुए जमानत याचिका को निरस्त कर दिया।
ज्ञात रहे कि शिवपुरी शहर के विभिन्न वार्डों की कालोनियों में बरसात के दौरान कच्चे रास्तों पर हुए गड्ढों को भरने के लिए नगरपालिका शिवपुरी ने गिट्टी-जीरा का टेंडर किया था। यह काम शिवम् कंस्ट्रक्शन के प्रोपराइटर अर्पित शर्मा ने ने लिया, और बिना सड़कों के गड्ढे भरे नपा से पूरा भुगतान निकाल लिया। इसका खुलासा तब हुआ, जब पार्षदों ने इस संबंध में नगरपालिका में शिकायत दर्ज कराई। यानि शहर की जनता ऊबड़- खाबड़ रास्तों से गिरती-उठती अपने घरों तक पहुंची, और ठेकेदार उनकी सड़कों को सुधारने का भुगतान नपा के जिम्मेदारों पर दवाब बनाकर ले लिया।
हाईकोर्ट जज राजेश कुमार गुप्ता ने भी अपने निर्णय में सहअभियुक्त बने नपा के सहायक यंत्री और उपयंत्री जितेंद्र परिहार और सतीश निगम को मिली जमानत को यह कहते हुए नजरअंदाज कर दिया कि उक्त दोनों ने तो सीएमओ इशांक धाकड़ के निर्देश पर एमबी में काम चढ़ाया, तथा नपाध्यक्ष गायत्री शर्मा और ईई मनोहर बागड़ी की टीप के बाद भुगतान किया गया है। हाईकोर्ट जज ने भी अपने निर्णय में यह इशारा किया है कि इस मामले में सीएमओ एवं नपाध्यक्ष सहित ईई को भी दोषी बनाया जाना चाहिए।
पुलिस रही मददगार, न्यायालय ने दिखाया कड़ा रुख
आरोपी ठेकेदार पर इनाम घोषित होने के बाद भी पुलिस ने उसे गिरफ्तार ना करते हुए उसे जमानत कारण के लिए पूरा मौका दिया था। हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद जब आरोपी ने न्यायालय में सरेंडर किया, तक पीआर के दौरान उसने दो पार्षदों को धमकाया, जिसकी शिकायत भी कोतवाली में हुई थी। जमानत आवेदन के विरुद्ध लगाई गई आपत्तियों में इसका भी जिक्र किया गया था। साथ ही आरोपी ठेकेदार के विरुद्ध पूर्व से दर्ज अपराधों को भी हाईकोर्ट जज ने गंभीरता से लेते हुए उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी।
कई चेहरों से भी उठ गया पर्दा
शिवपुरी न्यायालय में जो खुद को बहुत बड़ा बल्लम मानकर चल रहे थे, उनकी असलियत भी इस मामले के बाद सामने आ गई। जो लोग शहर हिट में पीएलआई लगाने का दावा करते थे, वो जब भ्रष्टाचार करने वालों के साथ खड़े हुए तो उनकी भी कलई खुलकर सामने आ गई। साथ ही शिवपुरी के युवा अभिभाषक अभय जैन ने यह साबित कर दिया कि सच्चाई की हमेशा जीत होती है, और झूठ हारता है।