
नगरपालिका में पानी घोटाला: पहले 99 लाख में दिया था ठेका, गिरोह बना 4 करोड़ लिया भुगतान
ठेकेदार ने ईओडब्ल्यू में की शिकायत, संयुक्त संचालक ने कराई जांच, पीआईसी भी फंस गई
शिवपुरी। नगरपालिका शिवपुरी में जनहित का काम बताकर कुछ इस तरह शासन की राशि को लूटा है, कि जांच करने वाले अधिकारी भी मान गए कि शिवपुरी नपा में लूट करने का संगठित गिरोह सक्रिय है। ऐसा ही एक मामला पानी का भी सामने आया है, जिसमें ट्यूबवेलों का संधारण करने के नाम पर करोड़ों रुपए का बंदरबांट किया गया, जिसकी शिकायत ईओडब्ल्यू में होने के बाद संयुक्त संचालक द्वारा कराई गई जांच में सामने आया। महत्वपूर्ण बात यह है कि नगरपालिका अध्यक्ष, सीएमओ के अलावा पीआईसी भी इस भ्रष्टाचार में फंस गई। जबकि पानी का पूरा काम देख रहे एई सचिन चौहान ने खुद को दूर करके रिपोर्ट बनवा ली।
ऐसे समझें नपा का पानी घोटाला
शहर में मौजूद नगरपालिका के 493 ट्यूबवेलों के रख-रखाव व संधारण का काम मेसर्स समाधियां को 3 मई 2023 को नपा ने कार्यादेश दिया था। समाधियां को शहर के सभी 39 वार्डों का यह काम 99, लाख रुपए से अधिक की राशि में दिया गया था। समाधियां को एक ट्यूबबेल संधारण की राशि 1388 रुपए तय की गई थी। इस राशि में ही उसे स्टार्टर, केबल एवं मोटर भी बदलना था। समाधियां समय पर काम नहीं कर पाया, तो नियमों को ताक पर रखकर ठेका खत्म कर दिया गया।
ऐसे किया पानी का घोटाला
नगरपालिका के संगठित गिरोह ने शहर को 4 जॉन में बांटकर उसके ट्यूबलों का संधारण 4 फर्मों को दिया। जिसमें छोटी मोटर रिपेयरिंग का 3440 रुपए, मीडियम मोटर का 4440 रुपए तथा बड़ी मोटर का 5940 रुपए भुगतना तय किया गया। रोचक पहलू यह भी है कि इसमें मोटर का भुगतान अलग से दिए जाने पा प्रावधान रखा।
इन फर्मों को हुआ 4 करोड़ से अधिक भुगतान
पीआईसी से गलत ठहराव प्रस्ताव पास करके 4 फर्मों को ट्यूबबेल संधारण का काम दिया गया। जिनसे आईएमजी इलेक्ट्रिक कंस्टक्शन एवं जेएस एस इन्फ्रा को दो ठेके तथा एक बिना निविदा के काम से दिया। इस काम में नगरपालिका ने 4 करोड़ 83 लाख 65 हजार 705 रुपए का भुगतान किया गया। यानि ठेकेदार को 99 लाख में जो ठेका दिया गया, उसके बदले में नपा के संगठित गिरोह ने 4 गुना से अधिक का भुगतान कर दिया गया।
इस पूरे खेल को नगरपालिका ने नियमों को ताक पर।रखकर खेला, जो संयुक्त संचालक की जांच में खुलासा हुआ है। जिसमें नगरपालिका अध्यक्ष गायत्री शर्मा, तत्कालीन सीएमओ के अलावा पीआईसी कमेटी भी इस जांच में दोषी पाए गए। ईओडब्ल्यू में शिकायत करने वाले ठेकेदार एडवोकेट जितेन्द्र समाधियां के भी अभी कुछ दिन पूर्व बयान दर्ज किए गए हैं। शिवपुरी शहर की जनता को ट्यूबबेल से पानी भले ही लगातार ना मिला हो, लेकिन उनके संधारण के नाम पर करोड़ों का खेल कर दिया गया।
ट्यूबबेल सुधार कार्य करती ठेकेदार की टीम