
नगरपालिका में एडीएम की जांच हुई पूरी, रोड रेस्टोरेशन सहित कई फाइलें नहीं मिलीं बोले एडीएम: मैने जांच पूरी करके जिलाधीश को दे दी, अब निर्णय वहीं से होगा
शिवपुरी। नगरपालिका शिवपुरी में हुए गड़बड़झाले की जांच कर रहे एडीएम दिनेशचंद्र शुक्ला ने अपना काम करके रिपोर्ट कलेक्टर को भेज दी। हालांकि उन्हें भी नगरपालिका की कुछ फाइलें नहीं मिल पाईं, जिसमें साढ़े 4 करोड़ की रोड रेस्टोरेशन की फाइल भी शामिल है। जांच रिपोर्ट देखने के बाद अगला स्टेप कलेक्टर को लेना है, साथ इसे वरिष्ठ जनप्रतिनिधियों को भेजकर राजनीतिक कार्यवाही के लिए सही तथ्य सामने रखने हैं।
शिवपुरी नगरपालिका में नपाध्यक्ष और पार्षदों के बीच चल रहे द्वंद को रोकने के।लिए प्रशासन ने मामले की जांच कराए जाने का निर्णय लेते हुए एडीएम दिनेशचंद्र शुक्ला को कलेक्टर रविंद्र कुमार चौधरी ने जांच अधिकारी नियुक्त किया। एडीएम ने उन सभी शिकायतों की जांच की, जो प्रशासन के समक्ष पार्षदों ने की थी। इसमें प्रमुख शिकायत नगरपालिका ऑफिस से फाइलें गायब होने की थी। इन फाइलों में रोड रेस्टोरेशन (सीवर प्रोजेक्ट में खुदी सड़कों की रिपेयरिंग) की 4.50 करोड़ रुपए की फाइल शामिल थी। यह भारी भरकम राशि वाली फाइल सहित अन्य कामों की फाइल भी एडीएम को नहीं मिली।
सूत्रों की मानें तो वार्ड 33 की दो ऐसी भी फाइल मिलीं, जिसमें इंजीनियर और एई के फर्जी हस्ताक्षर करके 37 और 33 लाख के दो भुगतान निकाले गए। इसके अलावा एक भाजपा नेता के पुत्र के नाम से भी डेढ़ सैकड़ा फाइलें 99 हजार की बनाकर उनका भुगतान भी निकाला गया। सामने यह भी आया कि शहर विकास के लिए आई राशि को ठेकेदार और नपा के जिम्मेदारों ने बिना काम किए सिर्फ जेब भरी हैं।
डीजल की बड़ी खपत की भी चर्चा
नगरपालिका शिवपुरी में हुए घोटालों में डीजल का भी एक बड़ा खेल है। जिसमें कथित तौर पर नपाध्यक्ष की गाड़ी के नाम पर हर महीने 1900 लीटर डीजल की खपत दर्शाई गई। जबकि अध्यक्ष के नाम पर केंद्रीय मंत्री के नजदीकी नेताओं की गाड़ियों में डीजल भरा जा रहा।है। नियमानुसार नपाध्यक्ष को एक महीने में 150 लीटर डीजल खपत की अनुमति है, जिसे ताक पर रखकर 1900 लीटर डीजल खपत की जा रही थी।
शिवपुरी नगरपालिका कार्यालय के सामने की बदहाली की तरह ही है शहर
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