
नगरपालिका में हुए घोटाले की विवेचना में जुटी पुलिस, आरोपी फरार
प्रशासन की भौतिक सत्यापन वाली जांच रिपोर्ट के अलावा भुगतान में सहयोगी भी आएंगे जद में
शिवपुरी नगरपालिका में यूं तो एक से बढ़कर एक घोटाले किए गए, लेकिन पिछले दिनों दर्ज हुए मामले की जांच अब पुलिस कर रही है। प्रशासन की भौतिक सत्यापन की जांच रिपोर्ट के साथ पुलिस उन लोगों को भी विवेचना में शामिल कर रही है, जो भुगतान में सहयोगी रहे।
ज्ञात रहे कि नपा घोटाले की जांच कोलारस एसडीओपी संजय मिश्रा को दी गई है।जिसके क्रम में मिश्रा ने पुलिस के भारी दलबल के साथ आरोपी ठेकेदार अर्पित शर्मा के घर पर दबिश दी, लेकिन ठेकदार पहले ही फरार हो चुका था। चूंकि जो मामला कोतवाली में दर्ज हुआ है, वो गैरजमानती धाराओं में दर्ज किया गया है। जिसके चलते पुलिस अब आरोपियों की तलाश में जुटी हुई है। ठेकेदार के अलावा नपा के सहायक यंत्री और उपयंत्री को भी तलाश किया गया, लेकिन वो भी अपने घर पर नहीं मिले।
जिस प्रशासनिक जांच के आधार पर पुलिस ने प्रकरण दर्ज किया है, उसकी विवेचना अब पुलिस कर रही है। जिसमें यह देखा जाएगा कि घोटाले में किन-किन लोगों की संलिप्तता रही, क्योंकि बिना काम का भुगतान हो गया, तथा जिन्हें काम का भौतिक सत्यापन करके अपनी रिपोर्ट देनी थी, उन लोगों ने उसे क्यों नहीं देखा। पुलिस की विवेचना में और भी नपाकर्मी कार्यवाही की जद में आ सकते।हैं।
घोटाले में छुपा अध्यक्ष वर्सेस पार्षद मैच
नगरपालिका शिवपुरी में चल रहे द्वंद की शुरुआत नपाध्यक्ष और पार्षदों के बीच हुई थी। जिसमें विरोध प्रदर्शन, बगीचा सरकार की शपथ और नेताओं के सामने पेशियां भी हुईं। चूंकि अध्यक्ष के बचाव में नपा से फर्जी भुगतान लेने वाले ठेकेदार ने आगे आकर नपा का ठेका उठा लिया था, जिसके चलते नपा में हुए घोटाले उजागर होने लगे। यही वजह है कि अध्यक्ष वर्सेस पार्षद मैच में अभी शांति है,।लेकिन यह शांति तूफान से पहले की मानी जा रही है।
नेताओं की राजनीति भी दांव पर
शिवपुरी नगरपालिका में चल रहे द्वंद की मार भले ही अभी जनता झेल रही है, जो मूल दर्शक की भूमिका में है, लेकिन इसका असर आने वाले समय में विधानसभा एवं लोकसभा चुनाव में भी नजर आएगा। क्योंकि पिछले वर्षों में शिवपुरी की राजनीति में कई बड़े उलटफेर हो चुके हैं। शिवपुरी की राजनीति में महल का बर्चस्व रहता।है,।लेकिन पूर्व केबिनेट मंत्री व विधायक राजनीति से दूर होकर क्षेत्र छोड़ गई, और लोकसभा के 2019 चुनाव के परिणाम ने यह साबित कर दिया था कि असंभव कुछ भी नहीं है।
बोले जांच अधिकारी: घर पर होने की थी सूचना
नपा घोटाले की विवेचना अभी चल रही है। इस बीच यह मालूम पड़ा था कि अर्पित घर पर है, इसलिए हम टीम लेकर पहुंचे थे। दोनों इंजीनियर भी अपने घरों से फरार हैं।
संजय मिश्रा, एसडीओपी कोलारस
ठेकेदार की तलाश में मंगलवार को।पहुंची थी पुलिस