
मोबाइल रेडिएशन से मानसिक दिव्यांग व नेत्रहीन हो रहे बच्चे, 50 फीट पर दूसरा टॉवर लगाने की तैयारी
घनी आबादी के बीच प्लॉट मालिक से टॉवर कंपनी से एग्रीमेंट कर शुरू कराया काम, स्थानीय लोगों ने रोका
शिवपुरी। शहर की राघवेंद्र नगर कॉलोनी की घनी आबादी के बीच एक मोबाइल टॉवर पहले से लगा हुआ है, तथा उससे 50 फीट की दूरी पर दूसरा टॉवर लगाने की तैयारी कर दी गई। जब यह बात स्थानीय लोगों को पता चली, तो उन्होंने विरोध करके काम रुकवा दिया। महत्वपूर्ण बात यह है कि पहले से लगे टॉवर की वजह से आसपास के बच्चे मानसिक रूप से दिव्यांग होने के साथ आंखों की रोशनी खो बैठे हैं।
ज्ञात रहे कि मोबाइल टॉवर भले ही आमजन को संचार सुविधा दे रहे हैं, लेकिन जिस जगह पर वो लगे हैं, उसके आसपास रहने वाले परिवारों, विशेषकर बच्चों की जान ले दुश्मन बने हुए हैं। राघवेंद्र नगर कॉलोनी में पहले से लगा हुआ है, जिस व्यास टॉवर के नजदीक रहने वाले कपिल गोविल का 13 वर्षीय बेटा मानसिक रूप से दिव्यांग हो गया है। वहीं पास में रहने वाले गगनदीप ने अपनी आंखों की रोशनी गंवा दी, और अब वो पूरी तरह से नेत्रहीन हो गया है।
जिस जगह पर टॉवर पहले से लगा है तथा दूसरा लगाया जा रहा है, उसके आसपास रहने वाले लोगों ने बताया कि हमारे घर में रहने वाले परिवार के सभी सदस्यों को कोई ना कोई शारीरिक तकलीफ है। महिलाओं के सिर में दर्द, माइग्रेन सहित बीपी जैसी बीमारियों से लोग पहले ही जूझ रहे हैं। ऐसे में यदि दूसरा टॉवर लगा दिया तो बड़ी त्रासदी झेलनी पड़ेगी।
प्लॉट वाले ने किया कंपनी से एग्रीमेंट
स्थानीय लोगों को यह भी पता नहीं है कि वो प्लॉट किसका है, जिसने टॉवर लगाने के लिए वो जगह दी है। कंपनी के लोगों ने कागजी प्रक्रिया करके टॉवर लगाने वाली टीम को वहां भेज दिया। स्थानीय लोगों ने इसका विरोध करते हुए फिलहाल काम रुकवा दिया, तथा उसे परमानेंट रुकवाएं के लिए एसडीएम शिवपुरी को आवेदन देने की बात कही है।
रेडिएशन से कैंसर जैसी घातक बीमारी का खतरा
मोबाइल टॉवर से लगातार खतरनाक किरणें निकलती हैं, जो रेडिएशन कहलात हैं। लगातार इन किरणों के।संपर्क में आने से मानसिक दिव्यांगता, आंखों की रोशनी जाने के अलावा कैंसर जैसी घातक बीमारी भी होती है। इसलिए ही तो मोबाइल टॉवर लगाने वाली कंपनिया मोटी राशि किराए के रूप में देती है, और उसके लालच में लोग आसपास रहने वाले लोगों की जान खतरे में डाल देते हैं।

मोबाइल टॉवर के रेडिएशन से मानसिक दिव्यांग हुआ 13 वर्षीय किशोर






