
मंत्री गिना रहे स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धियां, इधर 3 माह से कर्मचारियों को नहीं मिला वेतन
स्वास्थ्य विभाग में बढ़ रहा निजीकरण, कंपनियों के कर्मचारियों के वेतन में कटौती के बाद भी नहीं मिल रहा नियमित
शिवपुरी कलेक्ट्रेट में सोमवार को जिला अस्पताल में कार्यरत मल्टी टास्क कंपनी के दो दर्जन से अधिक कर्मचारी वेतन दिलाए जाने का ज्ञापन देने आए। जबकि दो दिन पहले शनिवार को इसी कलेक्ट्रेट के सभाकक्ष में बैठकर प्रभारी मंत्री जिले में बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं का बखान कर यह थे ।
ज्ञापन देने आए कर्मचारियों में शामिल गिर्राज यादव ने बताया कि हम लोगों को पिछले 3 माह से वेतन नहीं मिला है। महज 10580 रुपए मासिक पगार भी जब कर्मचारियों को 3 माह से नहीं मिली, तो उनकी पारिवारिक स्थिति और भी अधिक बिगड़ चुकी है। गिर्राज ने बताया कि हम लोग 40 से 50 किमी दूर से प्रतिदिन आकर अपनी सेवाएं जिला अस्पताल में देते हैं, तथा आने जाने का किराया भी देना पड़ता है। हम सभी लोग गरीब परिवारों से आते हैं, बावजूद इसके हमको 3 माह से वेतन नहीं दिया गया। इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ बीएल यादव भी केवल आश्वासन दे रहे हैं। जिसके चलते आज उन्होंने कलेक्ट्रेट में आकर ज्ञापन सौंपा।
कंपनियां पहले ही के रहीं शोषण
स्वास्थ्य विभाग में लगभग 50 फीसदी सेवाएं निजी कंपनियों के हाथों में दे दी गई है। यह कंपनियां भी नेताओं। की हैं, जिसमें पदस्थ करने वाले कर्मचारियों के मासिक वेतन में से हर महीने 5 हजार रुपए से अधिक तो पहले ही कटौती कर रहे हैं, तथा जो दे रहे हैं, वो भी 3 महीने से नहीं दी जा रही। यह कंपनियां अपने कर्मचारियों को हर 5 माह में बदल देती हैं, ताकि वो पीएफ की मांग न करने लगे। इस तरह बेरोजगारों का हर तरफ शोषण ही किया जा रहा है।

कलेक्ट्रेट में ज्ञापन देने आए स्वास्थ्यकर्मी





