
खाद का संकट: पहले मौसम ने मारा, और अब आपस में कर रहे मारपीट
एमपी एग्रो के गोदाम पर खाद लेने के लिए जमा किसानों की भीड़ में हुई हाथापाई, पहुंची पुलिस
जुलाई माह में हुई लगातार बारिश के चलते किसान या तो बोवनी नहीं कर पाया, और जिन्होंने बोवनी कर दी, उनकी फसल बर्बाद हो गई। बरसो रुकने के बाद अब किसान देर से ही सही, बोवनी करने के लिए खाद लेने जा रहा है, तो वहां।भी उसे अपने ही किसान साथियों की मारपीट का शिकार होना पड़ रहा है। बुधवार को ऐसा ही कुछ कोतवाली क्षेत्र में एमपी एग्रो के गोदाम पर हुआ।
शिवपुरी शहर में थोक सब्जी मंडी के पास स्थित एमपी एग्रो के गोदाम पर खाद लेने के लिए किसानों की लंबी लाइन लगी थी। किसान अलसुबह से लाइन में लगकर अपने टोकन और खाद के कट्टों के लिए इंतजार कर रहा था। दोपहर में लाइन से अलग हटकर कुछ लोगों ने खाद लेने का प्रयास किया, तो सुबह से अपने नंबर का इंतजार कर रहे किसानों का आक्रोश फूट पड़ा। बस फिर क्या था,।किसानों के दो ग्रुपों में जमकर लात-घूंसे और हाथापाई शुरू हो गई। चूंकि खाद वितरण केंद्र पर उमड़ी किसानों की भीड़ को देखते हुए कुछ पुलिसकर्मी भी तैनात किए गए थे। लेकिन झगड़े का आशंका के चलते कुछ अतिरिक्त पुलिस जवान भी लगाए गए थे। एकाएक किसानों के बीच जब झड़प हुई, तो पुलिस ने भी हस्तक्षेप करते हुए उन्हें अलग करने का प्रयास किया, लेकिन किसानों की नाराजगी इतनी अधिक थी, कि वो एक-दूसरे को सबक सिखाने के लिए उलझते रहे। कोतवाली पुलिस ने बमुश्किल उलझते किसानों को सुलझाया, लेकिन तब तक कुछ किसानों के कपड़े फट गए थे।
परेशान किसान जगदीश रावत ने बताया कि हम बैराड़ से शिवपुरी शहर में खाद लेने अलसुबह ही आ गए थे। हमें अधिक खाद की आवश्यकता है, लेकिन दो कट्टा खाद देने के लिए भी टोकन और खाद लेने के लिए लम्बा इंतजार करना पड़ रहा है। इस दौरान कुछ लोग बीच में से घुसकर खाद लेने का प्रयास कर रहे थे। बस इसी बात पर विवाद और हाथापाई हो गई। महत्वपूर्ण बात यह है कि पिछले महीने पूरे समय बारिश होने से किसान या तो पानी से भरे खेतों में बोवनी नहीं कर पाया, या फिर जिन्होंने बीज डाल दिया, उनकी फसल गलकर बर्बाद हो गई। ऐसे में किसान देर से पुनः बोवनी करने के लिए खाद लेने को जद्दोजहद कर रहा है।
खाद के लिए किसानों के बीच हो रही मारामारी