
केंद्रीय मंत्री के आदेश का हुआ पालन, तो भूमाफिया से बच जाएगा शहर का मनियर तालाब
महज 25 फीसदी रह गया तालाब, शेष 75 फीसदी पर कब्जा कर हो रही खेती व किनारों पर मकान
शिवपुरी। केंद्रीय मंत्री एवं क्षेत्रीय सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पिछले दिनों शहर विकास के लिए जो बैठक ली, उसमें वाटर बॉडी को संरक्षित करने की बात भी कही है। यदि उनने आदेश का ईमानदारी से पालन किया गया, तो शिवपुरी शहर का मनियर तालाब भूमाफिया के कब्जे से बच जाएगा। शहर व उसके आसपास बने 18 तालाब में से 13 तालाब पहले ही भूमाफिया निगल चुके हैं।
ज्ञात रहे कि प्रदेश सरकार ने तालाबों के संरक्षण के लिए जब राशि जारी की तो मनियर तालाब के नाम से भी 5 करोड़ की भारी भरकम राशि नगरपालिका में आई। भ्रष्टाचार में अबल नगरपालिका ने मनियर तालाब में 1 रुपया भी न लगाते हुए बस स्टेंड के पीछे मुरम की अवैध खुदाई से बनी तलैया को संवारने में उक्त राशि को खर्च करके अपनी जेब भर ली। जबकि मनियर तालाब पर कब्जों की होड़ तेज हो गई।
मनियर तालाब की लगभग 60 फीसदी जमीन पर कब्जा करके खेती की जा रही है, जबकि 15 प्रतिशत तालाब की जमीन पर कब्जा कर मकान बना लिए गए। महत्वपूर्ण बात यह है कि इस तालाब का कोई भी धनीधोरी नहीं बनाना चाहता। अब जबकि केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों के अलावा अधिकारियों के साथ बैठक करके तालाबों को संरक्षित करने के निर्देश दिए हैं, तो हो सकता है कि मनियर तालाब भूमाफियाओं से बच जाए। वरना शिवपुरी में जो मनमानी और भ्रष्टाचार चल रहा है, वो किसी से छुपा नहीं है।
भरे तालाब का कैचमेंट खत्म मान रहे
मनियर तालाब में अभी भी काफी पानी भरा हुआ है, जबकि प्रशासन और शासन इसका कैचमेंट एरिया खत्म होने की बात कर रहा है। तालाब के पीछे की तरफ से रेलवे लाइन निकली हुई है, जिस वजह से कैचमेंट से आने वाला पानी रुका हुआ माना जा रहा है। प्रशासन के इस दावे के विपरीत 4 साल पूर्व मनिहार तालाब इतना फुल हो गया था कि आसपास की आबादी को घर छोड़ने का अनाउंसमेंट किया गया था।
रेलवे से सांसद दिलवा सकते हैं परमीशन
इस तालाब को पुनः जीवित करने के लिए रेलवे लाइन के नीचे से पानी निकासी का रास्ता बनाने के लिए परमीशन रेलवे से आने है। इसका प्रस्ताव बरसों पूर्व भेजा गया, लेकिन अभी तक कोई निर्णय नहीं हुआ। चूंकि क्षेत्रीय सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया केंद्रीय मंत्री भी हैं, तो वो रेल मंत्रालय से यह काम करवा सकते है। जिससे शहर का एक तालाब कब्जे से बचकर पुनर्जीवित हो जाएगा। साथ ही केंद्रीय मंत्री का वाटर बॉडी संरक्षित करने का दावा भी पूरा हो जाएगा।






