
कानून बना मजाक: प्रशासन के बाद अब न्यायपालिका पर दवाब की तैयारी
फरार ठेकेदार का केस लड़ रहे अभिभाषक संघ के अध्यक्ष, धारा में उलझाकर जमानत की।कवायद
शिवपुरी जिले में कानून को मजाक बनाकर छोड़ दिया। शहर विकास के नाम पर आई करोड़ों की राशि गठबंधन बनाकर डकारने वाला ठेकेदार अर्पित शर्मा पिछले 19 दिन से फरार है। पुलिस ने दो इंजीनियरों को गिरफ्तार कर लिया, जबकि ठेकेदार अभी भी फरार है। कोई आमजन होता तो उसको हाजिर कराने के लिए पुलिस सभी हथकंडे अपना लेती, लेकिन इस मामले में सोमवार को 10 हजार का इनाम घोषित किया गया। कानून का मखौल उड़ाने के बाद अब न्यायपालिका पर दवाब बनाने की तैयारी शुरू हो गई। फरार ठेकेदार का केस शिवपुरी के जिला अभिभाषक संघ अध्यक्ष विजय तिवारी लड़ रहे हैं। अब धाराओं में बदलाव की सुगबुगाहट सुनाई दे रही है।
भ्रष्टाचार का संयुक्त गठबंधन बनाकर शिवपुरी शहर को लूटने वाले दो इंजीनियर सतीश निगम और जितेंद्र परिहार को तो पुलिस 9 अगस्त को दबोच लाई, लेकिन ठेकेदार वहां से भी फरार हो गया। चूंकि दोनों इंजीनियर तो बिना काम की झूठी रिपोर्ट लगाने के आरोपी हैं, लेकिन फर्जी भुगतान लेकर शहर विकास की राशि हड़पने वाले ठेकेदार को अभी तक इतनी रियायत देना, क्या कानून का मजाक और शहर की जनता के साथ खिलवाड़ नहीं है..?। चूंकि दोनों गिरफ्तार इंजीनियरों की दो दिवसीय रिमांड मंगलवार को खत्म हो गई, इसलिए अब जमानत की कवायद शुरू हो गई।
पुलिस-प्रशासन का 19 दिन तक मखौल उड़ाने के बाद अब न्यायपालिका पर दवाब बनाने की तैयारी शुरू हो गई। जिन धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है, वो गैर जमानती हैं, सूत्रों का कहना है कि गैर जमानती धारा में से ठेकेदार को अलग करके अग्रिम जमानत की कवायद चल रही है। अगर ऐसा होता है, तो कानून के दो रूप सामने आएंगे, जिसमें आमजन के लिए कानून का पूरा पालन, और प्रभावशाली के लिए इतनी लाचारता…? अफसोस है कि शिवपुरी के जनप्रतिनिधि भी इस मामले में चुप्पी साधे हुए हैं, जबकि जिस शहर को लूटा गया, वो उनके संसदीय और विधानसभा क्षेत्र में आता है।
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