
कैसे लगेगा अपराधियों पर अंकुश?, जब नेता दे रहे हो खुलेआम संरक्षण
युवक को मरणासन्न करने वाले आरोपियों के।लिए तीन घंटे कोतवाली में बैठे पूर्व मंत्री
कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए अपराधियों में पुलिस का खौफ जरूरी होता है। इसके उलट यदि अपराधियों को बचाने के लिए खुद नेता ही जाने लगें या फोन पर उन्हें छोड़ने के लिए आदेशित करने लगें, तो फिर पुलिस कैसे अपराधों पर अंकुश लगा पाएगी..?। ऐसा ही कुछ बीते सोमवार को हुआ, जब हत्या के प्रयास के मामले में आरोपी बने एक दर्जन हमलावरों में से दो को पकड़े जाने के बाद पूर्व राज्यमंत्री 3 घंटे कोतवाली में बैठे रहे।
शिवपुरी जिले में सरेराह मारपीट और धमकाने की घटनाओं में एकाएक इजाफा हो गया, और इसकी मुख्य वजह, अपराधियों को नेताओं का खुला संरक्षण है। बीते 19 जुलाई को मनियर टोल टैक्स के नजदीक गुलमोहर होटल के पास अनुराग (20) पुत्र भारत राजावत, के साथ एक दर्जन हमलावरों ने हमला के दिया था। अनुराग के साथ इतनी बेरहमी से मारपीट की गई कि उसे इलाज के लिए जिला अस्पताल से ग्वालियर रैफर किया गया, तथा डॉक्टरों का कहना है कि उसकी आवाज चली गई, जबकि सिर का ऑपरेशन किया जाना है। एक तरफ अनुराग जिंदगी और मौत के बीच झूल रहा है, तो वहीं उसके हमलावर बाहर घूम रहे हैं। इस सम्बन्ध में पिछले दिनों राजपूत समाज कें लोगों ने एसपी ऑफिस ज्ञापन दिया। जिसमें आंदोलन की चेतावनी दी गई।
जिसका परिणाम यह रहा कि बीते सोमवार को कोतवाली पुलिस ने दो आरोपी भाइयों को गिरफ्तार कर लिया, जबकि शेष आरोपी अभी बाहर ही है। गिरफ्तारी की सूचना मिलते ही पूर्व पीडब्ल्यूडी राज्यमंत्री सुरेश राठखेड़ा कोतवाली पहुंच गए। बताते हैं कि टीआई कोतवाली अवकाश पर थे, इसलिए लगभग 3 घंटे राठखेड़ा कोतवाली में रुके रहे। ज्ञात रहे कि पिछले एक माह में यह तीसरी ऐसी घटना है, जिसमें पूर्व राज्यमंत्री का नाम सामने आया है। इससे पूर्व जूते की दुकान में रंगदारी में रंगदारी और पिछले दिनों बैराड़ के जूता कांड में भी उनका नाम चर्चित रहा।
13 जुआरी एक फोन पर छूटे
बीते रोज शिवपुरी में पुलिस ने हार जीत का दांव लगा रहे 13 जुआरियों को दबोचा था। बताते हैं कि यह जुआरी थाने की चौखट भी नहीं चढ़ पाए थे, कि विधायक का फोन आ गया, और पुलिस को जुआरी छोड़ने पड़े। अब ऐसे में जुआरियों का मिजाज कितना बढ़ा होगा, और पुलिस का मनोबल कितना गिरा होगा, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। ऐसे में यदि नेताओं को ही इतना हस्तक्षेप करना है, तो फिर पुलिस थानों की चाबी भी खादीधारियों को पकड़ा देनी चाहिए, कि अब आप लोग ही कानून व्यवस्था देखें।
मारपीट मामले में यह दिया था ज्ञापन
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