
काश पता होता कलेक्टर का फरमान, तो बच जाती इकलौती बेटी मधु की जान
अवकाश का पता न होने की वजह से स्कूल।जाते समय ट्रक की चपेट में आई कक्षा 6 की छात्रा
शिवपुरी जिले से गुजरे कोटा-झांसी फोरलेन हाइवे पर गुरुवार की सुबह एक 6वीं की छात्रा ट्रक की चपेट में आकर दुनिया छोड़ गई। घर की इकलौती बेटी को यह पता नहीं था कि आज का अवकाश कलेक्टर ने घोषित कर दिया। यदि उसे पता होता, तो ना वो स्कूल जाती, और ना ही ट्रक की चपेट में आकर मृत होती।
अमोला सिरसौद निवासी मधु उर्फ महादेवी (11) पुत्री बल्ली लोधी, ने इस वर्ष कक्षा 5वीं पास कर ली थी, और कक्षा 6वीं में एडमिशन हों गया था। मधु के पिता मजदूरी करने के लिए बाहर ही रहते हैं, जबकि घर में वो अपनी मां के साथ रहती थी। छात्रा को यह पता नहीं था कि लगातार बारिश के चलते कलेक्टर ने दूसरे दिन यानि गुरुवार का भी अवकाश घोषित कर दिया था। स्कूल की छुट्टी की जानकारी ना होने की वजह से वो अपने स्कूल से पांचवीं की अंकसूची लाने के लिए साइकिल से निकली। जब वो सिरसौद तिराहे के पास पेट्रोल।पंप के नजदीक से निकल रही थी, तभी शिवपुरी की ओर से आ रहे एक ट्रक ने छात्रा को रौंद दिया। ट्रक का पहिया शरीर के ऊपर।से निकल जाने की वजह से छात्रा ने मौके पर ही दम तोड़ दिया।
घटना की सूचना मिलते की पुलिस ने मौके पर पहुंचकर ट्रक को अपने कब्जे में लिया। उधर जब मधु ने मां को घटना के बारे में पता चला, तो उसका रो-रोकर बुरा हाल हो गया। क्योंकि घर में वो उनकी इकलौती बेटी थी, जो ट्रक की चपेट में आकर दुनिया छोड़ गई। छात्रा की मौत से पूरे क्षेत्र में मातम पर गया। दुखद बात यह है कि छात्रा का पिता बाहर मजदूरी करता है, जो अपनी इकलौती बेटी के अंतिम।संस्कार में भी शामिल नहीं हो पाया।
बेटियों के प्रति प्रेम का अनूठा उदाहरण
हाइवे पर जिस जगह छात्रा को ट्रैक ने रौंदा था, वहां सड़क पर खून और उसके शरीर के कुछ छोटे टुकड़े पड़े रह गए थे। इस घटना से दुखी वहीं पास में रहने वाला दुकानदार राजू, अपने घर से पानी लेकर आया, और उस जगह के खून को धोया। साथ ही बालिका के शरीर के छोटे टुकड़ों को एक पॉलीथिन में इकठ्ठा करके उसके घर रख आया, ताकि अंतिम संस्कार में उन्हें शामिल किया जा सके।
मृतक छात्रा का जीवित फोटो
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