
जो प्रोजेक्ट हो गया शहर में फैल, वो बन रहा शहरवासियों के लिए जान का खतरा
सीवर प्रोजेक्ट के चेंबर बने हुए हैं जान के दुश्मन, बाइक सवारों के टूट रहे हाथ-पैर, जिम्मेदार मौन
शिवपुरी। जिस प्रोजेक्ट की सफलता का दावा कोई नहीं कर पा रहा, उसमें करोड़ों रुपए का बजट ठिकाने लगाया जाकर शहर की लगभग 2 लाख की आबादी के लिए खतरा बढ़ा दिया है। बीती रात ऐसे ही एक खतरनाक बन चुके सीवर के चेंबर में एक युवक बाइक सहित गिर गया, जिसके पैर में फैक्चर हो गया। इस तरह की घटनाएं आए दिन शहर की सड़कों पर हो रही हैं, क्योंकि केवल खुले चेंबर ही नहीं, बल्कि ऊंचे-नीचे हो रहे चैंबरों में भी वाहन अनियंत्रित होकर दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं।
केंद्र सरकार के झील संरक्षण पायलेट प्रोजेक्ट के तहत शिवपुरी शहर में सीवर प्रोजेक्ट स्वीकृत हुआ था। यह प्रोजेक्ट 2 साल में पूरा होना था, तथा पहले इसकी लागत 54 करोड़ रुपए थी, जो 12 साल बाद भी अधूरा होने के साथ ही 125 करोड़ रुपए लागत का हो गया। सीवर के चेंबर कई जगह क्षतिग्रस्त होने की वजह से पूरी लाइन ही ब्रेक हो गई है। सीवर की लाइन क्लीयर नहीं है, तथा चैंबरों के ढक्कन टूटने और सड़क के अंदर धसकने से दुपहिया ही नहीं चार पहिया वाहन भी अनियंत्रित होकर क्षतिग्रस्त हो रहे हैं।
नई पुलिस लाइन के सामने हुआ दूसरा हादसा
बायपास रोड से रेलवे स्टेशन जाने वाली रोड पर बीती रात एक खुले सीवर चेंबर में करौंदी कॉलोनी निवासी राजेश बाथम और उसका साथी गिरकर चोटिल हो गया। इस हादसे में राजेश का पैर फैक्चर हो गया। इससे पहले भी लगभग 4 माह पूर्व एक बाइक सवार चेंबर में जा गिरा था, जिससे वो भी एक महीने तक अस्पताल में भर्ती रहा था। हर बार हादसा होने पर चेंबर को दुरुस्त करने की प्रक्रिया चलती है, लेकिन कुछ दिन बाद हालात फिर वैसे हो हो जाते हैं।
दूसरी सड़कों पर भी मंडरा रहा खतरा
शिवपुरी शहर की मुख्य सड़कों में शुमार थीम रोड पर गुना नाके से फोरलेन बायपास तक बने सीवर चेंबर ऊंचे नीचे होने से किसी बड़े हादसे को आमंत्रित कर रहे हैं। वहीं सर्कुलर रोड पर भी करौंदी सम्पबेल से ग्वालियर नाके के बीच में सड़क पर गहरे गड्ढे बने चेंबर आए दिन हादसों का कारण बन रहे हैं। यह पूरी सड़क ही सीवर चैंबरों की वजह से शहर की जनता के लिए खतरा बनी हुई है।

रेलवे स्टेशन वाली रोड पर सीवर के चेंबर में गिरकर चोटिल हुआ राजेश






