
गबन का आरोपी बाबू कर रहा पोहरी तहसील में नौकरी, कलेक्टर ने दिए थे वसूली व एफआईआर के आदेश
पूर्व एसडीएम दो साल तक दबाए रहे मामला, वर्तमान एसडीएम ने कार्यवाही का भरोसा दिया
शिवपुरी। जिले में बाबूराज कायम है, जिसके चलते गड़बड़ी करने वाले बाबू अपने विरुद्ध जारी आदेशों को भी दबा जाते हैं। ऐसा ही एक मामला पोहरी तहसील का सामने आया है, जिसमें दो साल पूर्व कलेक्टर ने बाबू गोविंद धानुक से वसूली करने एवं उसके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत प्रकरण करने का आदेश दिया था। पूर्व एसडीएम इस मामले को दबाए हुए थे, जबकि वर्तमान एसडीएम ने कार्यवाही का भरोसा दिलाया।
पोहरी तहसील में हितग्राहियों के खाते में राशि पहुंचाए जाने में गड़बड़ी की गई थी, जिसकी शिकायत होने पर संभागायुक्त द्वारा जांच करवाई गई थी। जांच करने वाली टीम ने वर्ष 2018-19 से वर्ष 2022-23 की जांच में पाया कि कुल 23,13,590 रुपए की राशि का वितरण संदिग्ध लोगों को किया गया। जिसमें से 2.20 लाख रुपए की राशि का गबन तहसील के बाबू गोविंद धानुक ने किया था, जो जांच में सामने आया।
उक्त जांच रिपोर्ट के आधार पर शिवपुरी कलेक्टर के पत्र क्रमांक कोश/2023/1125 दिनांक 23/11/2023 में आदेश दिया था कि कुल राशि की वसूली कर एफआईआर दर्ज कराने एवं भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज किया जाए। संभागायुक्त की जांच रिपोर्ट एवं कलेक्टर शिवपुरी के आदेश पर तहसीलदार पोहरी ने पत्र जारी कर आगामी पेशी तारीख 14 जून 2024 तय की थी।
चूंकि बाबू भी उसी कार्यालय में पदस्थ है, तथा पूर्व एसडीएम का उसे संरक्षण प्राप्त था, इसलिए यह आदेश का पत्र दो साल तक दबाकर रखा गया। अब जब पुनः यह मामला उजागर हुआ है, तो एसडीएम पोहरी अनुपम शर्मा ने कहा कि मैं अभी इस पत्र की जानकारी लेकर कार्यवाही करवाएंगे।






