
धरती के भगवान की शक्ल में मौत बांटने का खेल, धमाके से देश की राजधानी में उचटे बेकसूरों के खून के छींटे
धीरेन्द्र शास्त्री ने बताई कट्टरपंथियों की साजिश, मौत से पहले क्यों नहीं मिल पाई खूनी इरादों की सूचना?, कॉलेप्स सिस्टम से बिगड़े हालात
शिवपुरी। डॉक्टर को धरती का भगवान कहा जाता है, जो लोगों की जिंदगी बचाता है। लेकिन देश में इसी दूसरे भगवान ने मौत बांटने की तैयारी कर ली, या फिर यह कहें कि आतंकवादी अब डॉक्टर की शक्ल में हैं। देश की राजधानी दिल्ली में हुए विस्फोट में लोगों के चिथड़े उड़ गए। विस्फोटक वहां तक कैसे आ गया, और इसकी सूचना हमारे देश की इंटेलिजेंसी को नहीं लग पाई, यह भी सवाल है। वर्ष 2019 में पुलवामा कांड में ऐसी ही एक विस्फोटक से भरी कार जवानों की गाड़ी से टकराई थी, जिसमें सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे, उस कार की जांच अभी तक नहीं हो सकी।
सोमवार की शाम दिल्ली में हुए कार धमाके में मृत व जख्मी हुए लोगों में आसपास अपनी गाड़ियों में बैठे लोग भी शामिल है। धमाके के बाद सक्रिय हुई देश की विभिन्न एजेंसियों ने अलग-अलग क्षेत्रों में छापेमारी करते हुए, जिन्हें पकड़ा या जिनके पास से बड़ी मात्रा में विस्फोटक आरडीएक्स और AK 56 रायफल मिली हैं, वो डॉक्टर हैं। एक ने तो पानी में खतरनाक जहर मिलाकर हजारों लोगों की जान लेने की तैयारी कर ली थी। यह सब घटना से पहले पकड़ लिया गया, तो कई लोगों की जान भी बच गई। इन हालातों के बीच यदि सोचें तो मौत बांटने का खेल जो लोग खेल रहे हैं, वो इंसान तो नहीं हो सकते, क्योंकि जिसमें इंसानियत या इंसानों के लिए प्रेम हो, वही इंसान कहलाता है।
इस पूरे घटनाक्रम में एक बात और भी सामने आई है कि उधर विस्फोट हुआ, और इधर देश की एजेंसियों ने जिनको उठाया, उनके पास मानवता को मारने वाली खतरनाक सामग्री मिली। तो क्या यह सब पहले से पता था कि कौन किस से जुड़कर देश में यह खूनी खेल अंजाम दे रहा है। डॉक्टरी पेशे की आड में इस तरह का खेल खेलने वालों पर सख्त कार्यवाही होना चाहिए, क्योंकि आज भी बीमार व्यक्ति से यदि डॉक्टर कह दे कि तुम्हे कुछ नहीं हुआ, तो वो पूरी रीति से विश्वास करता है।
उधर बागेश्वर धाम के धीरेन्द्र शास्त्री की भी यात्रा चल रही है। उन्होंने यात्रा के दौरान ही दिल्ली की घटना में कट्टरपंथियों का हाथ होने की पुष्टि कर दी।







