
सीएम हेल्पलाइन: आमजन की मदद के बजाए आंकड़ों की बाजीगरी में उलझी निराकृत शिकायतों का आंकड़ा बढ़ाने-पीठ थपथपाने के लिए खुद ही करवा रहे शिकायत
सिंकी सांखला ने बनाई अवैध दीवार की शिकायत पर 2 साल से फोन लगाकर टाइम पास कर रहे
शिवपुरी हो या प्रदेश का कोई भी जिला, हर कहीं एक आदेश कॉमन है, कि सीएम हेल्पलाइन में की गई शिकायतों का निराकरण करके अपना आंकड़ा बढ़ाओ। जिसकी सबसे अधिक शिकायत निराकृत होती है, उसे प्रशासनिक बैठक में वाहवाही मिलती है। जिसके लिए विभागीय कर्मचारी खुद ही शिकायत करवाते हैं, और बाद में उन्हें कटवाकर अपना निराकृत शिकायतों का आंकड़ा बढ़ाकर शाबाशी बटोर रहे हैं। सीएम हेल्पलाइन के इस फर्जीवाड़े में सही शिकायतों की कोई सुनवाई नहीं है।
शिवपुरी शहर में शासकीय सिद्धेश्वर स्कूल की टेक और जैन मंदिर के बीच खाली पड़े शासकीय रास्ते सिंकी सांखला ने दीवार बनाकर अपना गेट लगा दिया। विवादित जमीनों में अग्रणी सिंकी द्वारा किए गए इस कब्जे की शिकायत लोकेंद्र ने सीएम हेल्पलाइन में 2 साल पहले की थी। इन दो साल में लोकेंद्र के पास नगरपालिका सहित प्रशासन के ऐसे कर्मचारियों के फोन आए, जो पहले से जानते थे। हर बार फोन पर सिर्फ यह कहा कि आपकी शिकायत है, हम इसे आगे बढ़ा रहे हैं,। इतने समय में तो शिकायत आगे बढ़कर भोपाल तो क्या दिल्ली से भी वापस आ जाती। चूंकि शिकायत का निराकरण करने वाले सिर्फ टाइम पास कर रहे हैं, और अभी तक कोई भी जिम्मेदार उस दीवार बनाकर किए कब्जे को हटाने नहीं पहुंचा। यह तो महज उदाहरण है, जबकि इस तरह की शिकायत करने वाले बरसों से निराकरण का सिर्फ इंतजार ही कर रहे हैं।
इसके उलट अपने झूठे काम की वाहवाही करवाने के लिए नगरपालिका में तो कई बार उसने पदस्थ संविदा कर्मचारियों के मोबाइल से 181 पर शिकायत करवाकर पहले आंकड़ा बढ़ाते।हैं, और फिर उन्हें कटवाकर निराकृत मामलों की लिस्ट लम्बी करके अधिकारियों की नजर में झूठी शाबाशी बटोर रहे हैं। यह हालात सभी शासकीय विभागों। सहित पुलिस थाने की भी हो गई है। क्योंकि सरकार को सीएम हेल्पलाइन में आई शिकायतों से कोई लेना देना नहीं, उन्हें तो शिकायतों के निराकरण का आंकड़ा अधिक बताकर सभी तरफ कागजी रामराज्य लाने का प्रयास किया जा रहा है।
1 thought on “सीएम हेल्पलाइन: आमजन की मदद के बजाए आंकड़ों की बाजीगरी में उलझी”