
चोर-पुलिस की कहानी नहीं उतर रही लोगों के गले, जिससे लोकेशन हुई ट्रेस, वो ही हुआ रफूचक्कर
पुलिस महकमे में परिजन होने से लीक हो रहीं सूचनाएं, पकड़ने गए दरोगा पर पहले से कई दाग
शिवपुरी शहर को खोखला करने वाले टैंकर चोर के खिलाफ दर्ज हुए गिट्टी-डस्ट चोरी के मामले में फरार हुए ठेकेदार की कहानी गले नहीं उतर रही। क्योंकि उसके मोबाइल से ही लोकेशन ट्रेस करके पुलिस आरोपियों तक पहुंची। दोनों इंजीनियर तो इस खेल की छोटी मछली हैं, लेकिन मगरमच्छ जिन दरोगा जी के हाथों से फिसला है, उनके हाथ भी पहले से दागदार रहे हैं। महत्वपूर्ण बात यह है कि आरोपी ठेकेदार के परिजन भी पुलिस में हैं, जिस वजह से एक्शन प्लान लीक होने की आशंका भी बनी हुई है।
गौरतलब है कि शिवपुरी शहर विकास के लिए नगरपालिका में आने वाली राशि को बिना काम किए फर्जी भुगतान लेकर गोल्डन बाबा बनने वाले ठेकेदार अर्पित शर्मा ने बरसात के मौसम में बदहाल सड़कों को सुधारने के नाम बिना गिट्टी-डस्ट डाले भुगतान लेने के मामले में गैरजमानती धाराओं में दर्ज हुए प्रकरण में फरार तीन आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए मोबाइल लोकेशन ट्रेस होने के बाद पुलिस की टीम पूर्व सायबर प्रभारी प्रवीण त्रिवेदी (एएसआई) के नेतृत्व में भेजी गई। बताते है कि ठेकेदार की मोबाइल लोकेशन के आधार पर पहुंची पुलिस की टीम ने एक घर से दोनों इंजीनियरों को दबोचने के बाद टीम प्रभारी ने कहा कि हम ठेकेदार को होटल से उठाने जा रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि लगभग 45 मिनट बाद दरोगा जी यह कहते हुए वापस आए कि वो हमारे पहुंचने से पहले भाग गया। इतना ही नहीं, दरोगा के लौटते ही ठेकेदार का वो मोबाइल स्विच ऑफ हो गया, जिसके माध्यम से लोकेशन ट्रेस हुई थी। जिससे पुलिस की यह कहानी गले नहीं उतर पा रही।
दागदार हैं पकड़ने गए दरोगा जी
फरार आरोपियों को पकड़ने गए पूर्व सायबर सेल प्रभारी एएसआई प्रवीण त्रिवेदी के खिलाफ श्योपुर जिले के एक थाने में मारपीट का मामला दर्ज है। उसमें यह एक आरोपी को पकड़ने गए थे। इसके अलावा एक चरवाहे से 20 लाख रुपए लिए जाने की शिकायत आईजी ग्वालियर से हुई थी, जिसमें लगभग 25 लाख देकर राजीनामा करना पड़ा था। इसके अलावा शहर के कुछ ड्रग सप्लायर से भी सांठगांठ की शिकायतें पुलिस अधिकारियों से की गई थी। इसलिए इस मामले।में भी कोई खेल हो गया हो, तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी।
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