
चांदपाठा में छाई जलकुंभी पर नाराज हाईकोर्ट, 5 अगस्त को जिम्मेदार अधिकारी किए तलब
जिम्मेदार अधिकारियों ने पेश की झूठी रिपोर्ट, टीम की जांच में खुली कलई, पकड़ा गया झूठ
शिवपुरी के माधव नेशनल पार्क एरिया में मौजूद चाँदपाठा झील में पिछले 2 साल से जलकुंभी छाई हुई है। जिसके खिलाफ ग्वालियर हाईकोर्ट में आदित्य पांडे ने याचिका दायर की है, जिसमें शिवपुरी के युवा एडवोकेट निपुण सक्सेना केस लड़ रहे हैं। महत्वपूर्ण बात यह है कि जिले के लापरवाह अधिकारियों ने झील में से जलकुंभी की सफाई की झूठी जानकारी हाईकोर्ट को दी, जिसे न्यायालय द्वारा गठित टीम ने अपनी जांच रिपोर्ट में झूठा साबित के दिया। हाईकोर्ट ने नाराजगी व्यक्त करते हुए आगामी 5 अगस्त को जिम्मेदार अधिकारियों को तलब किया है।
एडवोकेट निपुण सक्सेना ने बताया कि जिले के अधिकारियों ने चाँदपाठा झील में से जलकुंभी पूरी तरह साफ होने की बात बताई, जबकि न्यायालय द्वारा गठित टीम ने अपनी जांच रिपोर्ट में 85 फीसदी जलकुंभी होना बताया है। जिस पर न्यायालय ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि जिन अधिकारियों की इसे साफ करने की जिम्मेदारी है, वो सार्थक प्रयास करने की बजाए एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं। साथ ही झील में आ रही सीवरेज की गंदगी को भी नहीं रोका जा रहा, जबकि सीवर प्रोजेक्ट में करोड़ों रुपए खर्च करके 9 साल में लाइन भी नहीं जोड़ी गई। हाईकोर्ट ने सीसीएफ वन विभाग, पीएचई ईई, जल संसाधन ईई, नपा सीएमओ एवं मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को भी आगामी 5 अगस्त को न्यायालय ने तलब किया है।
हाईकोर्ट ने यह माना है कि जो एक मशीन जलकुंभी हटाने के लिए लगाई है, वो जितनी सफाई करती है, उसके विपरीत 20 गुना तेजी से जलकुंभी बढ़ रही है। इसलिए उसे साफ करने के लिए उस जैसी 20 मशीनें एक साथ लगानी पड़ेगी। चूंकि चाँदपाठा झील में शिवपुरी शहर के नालों की गंदगी पहुंच रही है, जिसमें सीवर भी शामिल है। यदि जल्द ही झील से जलकुंभी साफ नहीं हुई, तो इसके रामसर साइट में बने रहने पर भी प्रश्नचिन्ह लग सकता है। यही वजह है कि हाईकोर्ट इस मामले में सख्ती बरतते हुए विभिन्न अधिकारियों की जिम्मेदारी तय कर रहा है, ताकि यह झील साफ हो सके।
चाँदपाठा झील में छाई जलकुंभी
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