
अविश्वास प्रस्ताव का आवेदन वापस लेने तक जिन पार्षदों को दिए आश्वासन, अब बदले सुर, किया स्वतंत्र
ब्राह्मण वर्सेस भीम आर्मी मुद्दे पर बोले भाजपा जिलाध्यक्ष: मैने अपने बेटे को समझा दिया, ऐसी पोस्ट ना डालें
शिवपुरी। नगरपालिका अध्यक्ष के खिलाफ जब तक अविश्वास प्रस्ताव का आवेदन वापस नहीं लिया था, तब तक पार्षदों को मनाने में जुटे रहे भाजपा जिलाध्यक्ष जसमंत जाटव के अब सुर बदल गए। अब वो पार्षदों के इस्तीफे को संविधान की स्वतंत्रता बताकर अपना पल्ला झाड़ रहे हैं। इतना ही नहीं, ब्राह्मण वर्सेस भीम आर्मी मामले।में जसमंत के बेटे द्वारा डाली गई पोस्ट को उन्होंने गलत ठहराते हुए कहा कि मैने अब उसको समझा दिया।
केंद्र सरकार द्वारा जीएसटी कम किए जाने के आम जनता को हुए लाभ की जानकारी देने के लिए शुक्रवार को भाजपा जिलाध्यक्ष ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें जानकारी धैर्यवर्धन शर्मा ने दी। उसके बाद मीडिया से चर्चा करते हुए भाजपा जिलाध्यक्ष ने नपा पार्षदों के इस्तीफे वाले सवाल पर उन्होंने कहा कि हमारे देश में यह स्वतंत्रता है कि जो जनप्रतिनिधि खुद को काम करने में सक्षम नहीं मानता, वो अपने पद से इस्तीफा दे सकता है। यानि अब पार्षदों के इस्तीफे से पार्टी या नेताओं को कोई फर्क नहीं पड़ेगा। महज एक माह में ही जिलाध्यक्ष के सुर बदल गए।
वहीं ब्राह्मण वर्सेस भीम आर्मी के चल रहे मामले।में जसमंत जाटव ने कहा कि दोनों पक्षों की तरफ से बातचीत बंद कर देना चाहिए, और इसमें प्रहसन को कार्यवाही करना चाहिए। जब जिलाध्यक्ष से पूछा कि आपके बेटे ने एडवोकेट अनिल मिश्रा के।खिलाफ जो पोस्ट डाली थी, जब यह सवाल किया तो जसमंत जाटव बोले कि मैने अपने बेटे को समझा दिया कि इस तरह की पोस्ट डालने वाला चरित्र हमारा नहीं है।
इस बातचीत में यह तो तय हो गया कि पार्षदों के इस्तीफे से अब भाजपा जिलाध्यक्ष एवं उनके नेताओं को कोई फर्क नहीं पड़ेगा, क्योंकि पार्षदों ने प्रभारी मंत्री और जिलाध्यक्ष की बातों में आकर अविश्वास प्रस्ताव का आवेदन वापस ले लिया, और अब उनका काम निकलने के बाद पार्षदों के इस्तीफा देने से उनकी सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा, ऐसा वो मान रहे हैं।

पत्रकार वार्ता में बोलते हुए भाजपा जिलाध्यक्ष







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