
अविश्वास प्रस्ताव वापसी का आवेदन हुआ पास, पार्षदों का साइन वेरीफिकेशन हुआ बेकार
नपाध्यक्ष को हटाने के लिए अब नहीं होगी पार्षदों की वोटिंग, प्रशासनिक प्रक्रिया पर लगा विराम
शिवपुरी। नगरपालिका अध्यक्ष गायत्री शर्मा को।हटाए जाने के लिए पार्षदों द्वारा कलेक्टर को दिए गए अविश्वास प्रस्ताव का साइन वेरीफिकेशन बेकार हो गया। क्योंकि प्रशासन ने प्रस्ताव वापसी का आवेदन स्वीकार कर लिया। इसके बाद अब अध्यक्ष को हटाए जाने के लिए चल रही प्रशासनिक प्रक्रिया पर भी विराम लग गया। अब अध्यक्ष की कुर्सी पर गायत्री कायम रहेंगी, या फिर उन्हें कुर्सी छोड़ना पड़ेगी, इस निर्णय की गेंद वापस नेताओं के पाले में चली गई।
गौरतलब है कि सोमवार की सुबह नपा के एक सत्ताधारी पार्षद ने सोशल मीडिया पर पोस्ट डाली थी कि गायत्री एक्सप्रेस चलेगी। जिसे देखकर लोग कई तरह के कयास लगाने लगे थे, लेकिन उस लाइन में आगे यह नहीं लिखा था कि एक्सप्रेस कितने स्टेशन आगे तक जाएगी। उसके बाद कलेक्ट्रेट में दोपहर से लेकर शाम तक बहुत कुछ घटा, क्योंकि एक तरफ 18 पार्षद अविश्वास प्रस्ताव के लिए हस्ताक्षर प्रमाणित कर आए थे, जबकि उपाध्यक्ष पति शाम को अविश्वास प्रस्ताव वापस लेने का आवेदन कलेक्टर को दे आए थे, जिसके साथ पार्षदों के हस्ताक्षर वाला पेज भी लगा हुआ था।
चूंकि यह पूरी प्रक्रिया प्रशासन और शासन के सामंजस्य से चल रही थी, इसलिए कलेक्टर रविंद्र कुमार चौधरी ने मंगलवार को अविश्वास प्रस्ताव को वापस लेने का आवेदन स्वीकार करते हुए पार्षदों के साइन वेरीफिकेशन के कागज को रद्दी घोषित कर दिया। यानि अब नपाध्यक्ष को हटाए जाने के।लिए शुरू हुई प्रशासनिक प्रक्रिया पर विराम लग गया। इसके साथ ही अब नपाध्यक्ष की कुर्सी पर निर्णय एक बार फिर नेताओं के हाथ में आ गया। अब देखना यह है कि गायत्री एक्सप्रेस कितनी दूर तक जाती है..?.
मैनेजिंग का पैसा गया बट्टे – खाते में
अविश्वास प्रस्ताव को फैल कराने के लिए परिषद के कुछ पार्षद शहर से गायब कर दिए गए थे, जिसके बारे में पार्षद राजू गुर्जर ने मीडिया के समक्ष पार्षदों के किडनैप होने की बात कही थी। उन पार्षदों को अपने पक्ष में करने के लिए कथित तौर पर बड़ी धनराशि भी खर्च की गई है। अब जबकि अविश्वास प्रस्ताव का आवेदन ही निरस्त हो गया, तो अध्यक्ष के लिए पार्षद वोटिंग भी नहीं करेंगे। ऐसे में पार्षदों को मैनेज करने के लिए दी गई राशि तो बट्टे -खाते में चली जाएगी।
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