November 15, 2025
अराजकता के दौर से गुजर रहा शिवपुरी, महल और कोठियों में मौन साधे बैठे जनप्रतिनिधि

अराजकता के दौर से गुजर रहा शिवपुरी, महल और कोठियों में मौन साधे बैठे जनप्रतिनिधि
संजय कॉलोनी में तोड़ दिया विधवा का घर, सड़क पर आ गईं दो जवान बेटियां, सरकारी दावे खोखले

राजनीतिक शून्यता के दौर से गुजर रही शिवपुरी में हालात अराजक होते जा रहे हैं। मंगलवार को शहर की संजय कॉलोनी में एक विधवा महिला का घर तोड़ दिया गया, जबकि उसकी दो जवान बेटियां और बेटा रो-रोकर बेहोश हो गए। महत्वपूर्ण बात यह है कि उक्त मकान प्रधानमंत्री आवास के तहत बनाया गया था। बड़ा सवाल यह है, कि यदि मकान गलत जगह पर बन रहा था, तो फिर पीएम आवास की राशि स्वीकृत करने वालों ने उस समय क्यों नहीं देखा?। परिवार का कारण रुदन सुनकर मीडिया, स्थानीय पार्षद व समाजसेवी पहुंच गए, लेकिन बेटियों की हमदर्द बनने वाली सरकार के नुमाइंदे अपने महल और कोठियों में बैठे रहे।
गौरतलब है कि विधवा महिला ममता विश्वकर्मा का कहना है कि मेरे पति ने कई वर्ष पहले उक्त जमीन बैजनाथ पाण्डेय से 80 हजार रुपए में खरीदी थी। उसके बाद उन्हों प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत राशि स्वीकृत हुई, जिससे उसने अपना मकान बना लिया। जबकि दूसरी ओर संगीता खटीक के घर का रास्ता बंद हो जाने ओर उन्होंने न्यायालय में वाद दायर किया, जिसमें मकान तोड़ने का निर्णय दिया गया। इसमें बड़ा सवाल यह है कि जब प्लॉट की जमीन रास्ते में थी, तो फिर पीएम आवास की राशि जारी करने वालों ने क्या भौतिक सत्यापन नहीं किया?।
यह तो शुक्र है कि स्थानीय मीडिया और पार्षद सहित अन्य लोगों ने इस मामले का विरोध दर्ज कराया, और कलेक्ट्रेट जाकर गुहार लगाई, तब कलेक्टर ने रेन बसेरा में शरण देकर 7 दिन में कोई निर्णय करने की बात कही। इस मामले में जहां एक तरफ जनप्रतिनिधियों का अमानवीय चेहरा सामने आया, तो वहीं दूसरी ओर कुक्कू भाई सहित उन लोगों को साधुवाद, जो उन्हें अपना आशियाना देने एवं आर्थिक मदद करने को आगे आए हैं। सोशल वर्कर उमा उपाध्याय ने भी अपना पोहरी रोड पर बने फ्लैट में एक महीने के लिए बिना कोई शुल्क के रहने का इस परिवार को ऑफर दिया है।

अराजकता के दौर से गुजर रहा शिवपुरी, महल और कोठियों में मौन साधे बैठे जनप्रतिनिधि

कलेक्ट्रेट में बैठा परेशान परिवार, जिसका तोड़ दिया आशियाना

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