
अजब गजब शहर शिवपुरी: चौतरफा लूट- खसोट के मिल रहे प्रमाण, फिर भी कार्रवाई शून्य, शहर विकास के 652 करोड़ हजम कर गए नपा के जिम्मेदार और ठेकेदार, आंख मूंदे बैठे जनप्रतिनिधि
शिवपुरी मध्यप्रदेश का एकमात्र ऐसा शहर है, जिसमें खुलेआम लूट खसोट की जा रही है, लेकिन हर बार मामले को जांच में दबा दिया जाता है। इतना हो नहीं जो जांच प्रशासन करवाता है, उसे भी ऐसी गुप्त तिजोरी में रखा जाता है, कि शिकायत करने वालो तक को नहीं बताया जाता। महत्वपूर्ण बात यह है कि फाइलों की जांच से लेकर भौतिक सत्यापन में खुली लूट उजागर होने के बाद भी जनप्रतिनिधि मूक बने बैठे हैं।
गौरतलब है कि शिवपुरी नगरपालिका ने पिछले 3 साल में शहर विकास के लिए आई 652 करोड़ की राशि ठिकाने लगा दी गई, फिर भी इन घोटालेबाज जनप्रतिनिधि और ठेकेदार के पेट नहीं भरे, तो बरसात में बदहाल सड़कों पर डाली जाने वाली गिट्टी-डस्ट भी यह भ्रष्ट तंत्र हजम कर गया। एक तरफ नगरपालिका में बजट ना होने का रोना रोते हुए जनता के छोटे-छोटे काम पेंडिंग कर दिए गए, जबकि दूसरी ओर बिना काम किए हुए लाखो-करोड़ों के बारे न्यारे कर लिए गए। क्योंकि उन फर्जी भुगतानों के बदले में मोटा कमीशन जो मिलता रहा।
नगरपालिका में चल यह भ्रष्टाचार के दो दर्जन पार्षद पहले ही विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। पार्षदों की शिकायतों के आधार पर जिला प्रशासन ने एडीएम से जांच करवाई, और जांच रिपोर्ट ऐसे छुपाकर रख ली, मानों वो देश की सुरक्षा से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी हो। जांच रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे पार्षदों को भी निराशा होकर लौटना पड़ा।
इधर अभी जांच चल ही रही थी लेकिन नपा में घोटाला करने वाले अपनी हरकतों से बाज नहीं। आ रहे। बारिश के तेज फ्लो में शहर के नाले साफ होने के बाद भी नपा ने 66 लाख रुपए के नाला सफाई के टेंडर के दिए। इतना ही नहीं, बरसात में बदहाल हुई कालोनियों की अंधकों पर गिट्टी-दस्ट डालने का भुगतान पहले ही निकाल लिया गया, और शिकायत होने पर बाद।में दो-चार जगह मटेरियल डाल दिया। जिसकी जांच सोमवार को कलेक्टर ने एसडीएम से करवाई। नगरपालिका में भ्रष्टाचार की प्रमाणित जांच सामने आने के बाद भी ना जाने कौन सा बीटों होने वाली कार्यवाही को रोके हुए है। अब देखते हैं कि वरिष्ठ जनप्रतिनिधि इस भ्रष्टाचार पर कोई स्टेप लेते हैं, या फिर अगले चुनाव में नुकसान झेलने को तैयार हैं।
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