
अब जल्द होगी रोड रेस्टोरेशन मामले में एफआईआर, पार्षदों ने की सीएमओ से शिकायत
सड़कों को सुधारने के नाम पर किया गया था साढ़े 4 करोड़ का भ्रष्टाचार, सड़कें अभी भी बदहाल
शिवपुरी। नगरपालिका में हुए भ्रष्टाचारों की कड़ी में एक मामले में एफआईआर की तैयारी हो गई। शिवपुरी शहर की सड़कों की मरम्मत के लिए आई साढ़े 4 करोड़ रुपए की राशि का भुगतान भी ठेकेदार अर्पित शर्मा को किया गया, जबकि शहर की सड़के अभी भी बदहाल बनी हुई हैं।
झील संरक्षण परियोजना के तहत शिवपुरी में स्वीकृत हुआ सीवर प्रोजेक्ट भले ही फ्लॉप हो गया, लेकिन उसकी लाइन डालने में खोदी गई सड़कों को रिपेयर कराने के लिए पीएचई ने 4.50 करोड़ रुपए की राशि नगरपालिका को दी थी। नपा ने वर्ष 2015 में टेंडर आमंत्रित किए थे, जिसके लिए दो फर्म गिर्राज शर्मा एवं शिवम् कंट्रक्शन ने टेंडर भरे, जिसमें से शिवम के प्रोपराइटर अर्पित शर्मा को रोड रेस्टोरेशन का काम मिल गया था। शिवम् फर्म ने 25 अगस्त 2105 को एफडीआर जमा करवाई गई।
जिस समय रोड रेस्टोरेशन का काम शुरू होना था, उस दौरान शहर में सिंध जलावर्धन की लाइन के लिए खुदाई के फेर में काम लेट होता गया। बाद में तत्कालीन केबिनेट मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने अतिरिक्त समय स्वीकृति दिलवाई। इसके बाद 5 जनवरी 2022 से काम तो शुरू नहीं हुआ, लेकिन भुगतान के लिए बाउचर क्रमांक 134, 145, 241 एवं एक अन्य बाउचर के माध्यम से शिवम कंस्ट्रक्शन के प्रोपराइटर अर्पित शर्मा को भुगतान किए गए, जबकि मौके पर कोई काम किया ही नहीं गया। ठेकेदार अर्पित इंजीनियरों पर दवाब बनाकर फर्जी फाइलें तैयार करवाता था, और सीएमओ के बदलते ही उसे भुगतान के लिए एकाउंट शाखा में लगाकर फर्जी भुगतान ले लिया करता था। रोड रेस्टोरेशन का मामला उजागर होने के बाद ठेकादर ने खुद को बचाने के लिए वो फाइल ही गायब करके उसे संभवतः जलवा भी दिया है। लेकिन नगरपालिका के रिकॉर्ड से फ़ाइल का पूरा माल सामने आ गया। इस मामले की लिखित शिकायत शुक्रवार को नगरपालिका के पार्षदों ने सीएमओ से की है।
सीएमओ अब संबंधित विभाग में जांच करवाकर उसमें दोषियों को चिन्हित करके उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के लिए पुलिस को अपना प्रतिवेदन भेजेंगे। यानि नपा के कुछ कर्मचारियों सहित ठेकेदार अर्पित शर्मा के खिलाफ एक और एफआईआर दर्ज होने की तैयारी हो गई।
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