
अब दशहरा भी हुआ सरकारी, शस्त्र पूजन का समय किया तय, विधायक व सांसद रहेंगे उपस्थित
प्रदेश के मुख्यमंत्री इंदौर में दोपहर 2.30 बजे करेंगे शास्त्र पूजन, उसी समय सभी जिला व विधानसभा मुख्यालयों पर होंगे कार्यक्रम
शिवपुरी। एक तरफ सरकार शासकीय विभागों का निजीकरण कर रही है, वहीं दूसरी ओर त्योहारों का सरकारीकरण करने पर उतारू है। इस बार दशहरा पर्व पर शस्त्र पूजन का समय तय कर दिया गया है। यह समय किसी ज्योतिषाचार्य के द्वारा निर्धारित नहीं किया गया, बल्कि प्रदेश के मुख्यमंत्री 2 अक्टूबर को दोपहर 2.30 बजे इंदौर में शस्त्र पूजन करेंगे, इसलिए सभी जिला मुख्यालय एवं विधानसभा क्षेत्र में उसी समय शस्त्र पूजन होगा, जिसमें विधायक एवं सांसद को उपस्थित रहना पड़ेगा।
सामान्य प्रशासन के उपसचिव अजय कटेसरिया ने 29 सितंबर यानि आज एक पत्र सभी जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को जारी किया है। जिसमें स्पष्ट उल्लेख है कि आगामी 2 अक्टूबर को विजयादशमी का पर्व हर्षोल्लास से मनाया जाए। इस दिन पूरे प्रदेश में शस्त्र पूजन एक साथ दोपहर 2.30 बजे के पश्चात किया जाए। प्रदेश के मुख्यमंत्री इंदौर में आयोजित होने वाले कार्यक्रम में भाग लेंगे। सभी मंत्रीगण निर्धारित जिला मुख्यालयों के कार्यक्रमों में भाग लेंगे। सांसद अपने संसदीय क्षेत्र में तथा विधायक अपने विधानसभा मुख्यालयों पर आयोजित कार्यक्रमों में शामिल होंगे। आखिर में एक लाइन लिखी है कि सभी जगह शस्त्र पूजन कार्यक्रम में जनप्रतिनिधियों को ससम्मान आमंत्रित करें।
ज्ञात रहे कि अभी तक तो दशहरा पर्व पर सुबह पुलिस लाइन में सभी शासकीय वाहनों का पूजन करने के बाद एसपी ऑफिस प्रांगण में सामूहिक शस्त्र पूजन करने के साथ ही इस कार्यक्रम में एसपी और कलेक्टर भी शामिल हुआ करते थे। सुबह शस्त्र पूजन करने के बाद फिर दूसरे काम किए जाते थे। लेकिन इस बार शस्त्र पूजन के लिए दोपहर 2.30 बजे तक रुकना पड़ेगा। इसे कहते हैं पॉवर पॉलिटिक्स, जिसमें धार्मिक त्यौहार का भी टाइम टेबल सरकार ने तय कर दिया।
अब चर्चा यह भी चल निकली है कि अभी तो शस्त्र पूजन का ही समय निर्धारित किया है, कहीं आगे चलकर रावण दहन भी नेताओं को दे दिया गया, तो शिवपुरी में हर साल रावण दहन करने वाली पंजाबी परिषद क्या करेगी..?