
आखिरकार सड़क पर यात्री बसों को चेक करने आईं आरटीओ, आग बुझाने के संयंत्र मिले खराब
शाम 6 से रात 8 बजे तक चेक की स्लीपर कोच, लंबी दूरी वालीं बसें आती हैं 9 बजे के बाद
शिवपुरी। आखिरकार जिला परिवहन अधिकारी स्लीपर कोच यात्री बसों को चेक करने सड़क पर आईं। ट्रैफिक प्रभारी के साथ मिलकर जब यात्री बसों को चेक किया, तो आग बुझाने के संयंत्र खराब मिले। इतना ही नहीं, बसें भी ओवरलोड मिलीं। महत्वपूर्ण बात यह है कि चेकिंग का समय शाम 6 बजे से रात 8 बजे तक रहा, जबकि लंबी दूरी की स्लीपर कोच रात्रि 9 बजे के बाद आना शुरू होती हैं। यानि कि यह चेकिंग भी सिर्फ नाम के लिए ही की गई, ताकि वर्किंग रिपोर्ट में शामिल चेकिंग का कॉलम भरा जा सके।
आए दिन बसों में हो रही दुर्घटनाओं को देखते हुए कल शाम 6 बजे से रात्रि 8 बजे तक आरटीओ रंजना कुशवाह एवं यातायात प्रभारी रणवीर यादव द्वारा स्लीपर बसों की संयुक्त चेकिंग की गई। लगभग 25 बसों को चेक किया गया, जिसमें से 8 बसों पर चालानी कार्रवाई कर ₹16000 समन शुल्क वसूला गया।
बसों में ज्यादातर अग्निशामक यंत्र नहीं थे, जिन बसों में थे, वो सही तरीके से कार्य नहीं कर रहे थे। आगजनी के समय लोगों की जान बचाने में अग्निशामक यंत्र अहम भूमिका निभाते हैं। कई बसों में ओवरलोड सवारी भी पाई गई। इसके बाद बसों पर चालानी कार्रवाई कर उन्हें समझाइश दी गई कि वे परमिट की शर्तों एवं यातायात नियमों का पालन करें।
इस पूरे चेकिंग कार्यवाही में बड़ा सवाल यह है कि शाम 6 से रात्रि 8 बजे तक इतनी स्लीपर कोच निकलती हो नहीं है, जितनी चेक करने का दावा किया गया। शिवपुरी से होकर जाने वाली स्लीपर कोच ही 25 होंगी, जो रात 9 बजे के बाद इंदौर-भोपाल रूट की निकलना शुरू होती हैं।यदि आरटीओ विभाग यात्री बसों की चेकिंग उस समय ही कर।ले, जब वो बसों का फिटनेस सर्टिफिकेट देता है, तो फिर चेकिंग में ऐसी बसें नहीं मिलेंगी, जिनमें अग्निशमन यंत्र है ही नहीं।

यात्री बसों को चेक करतीं आरटीओ व ट्रैफिक प्रभारी





